"लंका दहन": अवतरणों में अंतर
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'''''लंका दहन''''' १९१७ कि भारतीय मूक फ़िल्म है जिसे [[दादासाहब फालके]] ने निर्देशित किया था। ऋषि [[वाल्मीकि]] द्वारा
[[अण्णा सालुंके]] ने इस फिल्म में दो भूमिका निभाई थी। उन्होंने पहले फालके के ''राजा हरिश्चन्द्र'' में [[रानी तारामती]] की भूमिका निभाई थी। चूंकि उस जमानेमे प्रदर्शनकारी कलाओं में भाग लेने से महिलाओं को निषिद्ध किया जाता था, पुरुष ही महिला पात्रों को निभाते थे। सालुंके ने इस फ़िल्म में [[राम]] के पुरुष चरित्र और साथ ही उनकी पत्नी [[सीता]] का महिला चरित्र भी निभाया है।<ref>{{cite web|url=http://www.dadasahebphalkeacademy.org.in/100years |title=Dadasaheb Phalke - Father of Indian Cinema |publisher=दादासाहेब फालके अकादमी |accessdate=४ अक्टूबर २०१२ |trans_title=दादासाहेब फालके - भारतीय सिनेमा के पिता |language=अंग्रेज़ी}}</ref> इस प्रकार उन्हें भारतीय सिनेमा में पहली बार दोहरी भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है।<ref>{{cite book|url=https://books.google.com/books?id=TdM2Ben3alIC&pg=PA224&lpg=PA224&dq=lanka+dahan+1917&source=bl&ots=0-khVboi3i&sig=QwsSJUh-J46tbtXKaLT62YzqOCc&hl=en&sa=X&ei=d15tUOm7OIPSrQeDrYHABw&sqi=2&ved=0CD8Q6AEwAw#v=onepage&q=lanka%20dahan%201917&f=false |title=Wanted Cultured Ladies Only!: Female Stardom and Cinema in India, 1930s-1950s |publisher= [[इलिनॉय विश्वविद्यालय|इलिनॉय विश्वविद्यालय प्रेस]] |year=२००९ |isbn= 0252076281 |author=मजूमदार, निपा |page=२२४ |accessdate=९ मई २०१७ |trans_title=केवल सुसंस्कृत महिलाएं चाहिए!: १९३०-१९५० के दशक में भारत में महिला कलाकार और सिनेमा |language=अंग्रेज़ी}}</ref><ref name="सौ साल"/>
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