"क़ुस्तुंतुनिया": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Byzantine Constantinople-en.png|बाइजेंटाइन क़ुस्तुंतुनिया|right|thumb|300px]]
'''क़ुस्तुंतुनिया''' (Constantinople/कांस्टैंटिनोपुल[[यूनानी ;भाषा|यूनानी]]: आधुनिकΚωνσταντινούπολις तुर्की''कोन्स्तान्तिनोउपोलिस'' या Κωνσταντινούπολη ''कोन्स्तान्तिनोउपोली''; [[लातीनी]]: Constantinopolis ''कोन्स्तान्तिनोपोलिस''; [[इस्तानबुलउस्मानी तुर्कीयाई]]: قسطنطینية, ''Ḳosṭanṭīnīye कोस्तान्तिनिये''‎) [[तुर्की]] देश का प्रसिद्ध नगरशहर है। यह [[बासफोरसबोस्पोरुस जलसंयोजकजलसन्धि]] और [[मारमरा सागर]] के संगम पर स्थित है। यह एक ऐतिहासिक नगरशहर है जो [[रोमन साम्राज्य|रोमन]], [[बाइजेंटाइनबाज़न्तीनी साम्राज्यसल्तनत|बाइजेंटाइनबाज़न्तीनी]], लैतिन, एवंऔर [[उस्मानी साम्राज्य|आटोमान साम्राज्य]] की राजधानी थी। इसको लेकर इसाइयोंईसाइयों एवंऔर मुसलमानों में भयंकर संघर्ष हुआ।
 
==परिचय==
इस नगरशहर की स्थापना रोमन सम्राट्सम्राट [[कांस्टैंटाइन]] महान ने 328 ई. में प्राचीन नगरशहर बाईज़ैंटियमबाईज़ांतियुम को विस्तृत रूप देकर की थी। नवीन [[रोमन साम्राज्य]] की राजधानी के रूप में इसका आरंभ 11 मई 330 ई. को हुआ था। यह नगरशहर भी [[रोम]] के समान ही सात पहाड़ियों के बीच एक त्रिभुजाकार पहाड़ी प्रायद्वीप पर स्थित है और पश्चिमी भाग को छोड़कर लगभग सब ओर जल से घिरा है। [[रूम सागर]] और [[काला सागर]] के मध्य स्थित बृहत् जलमार्ग पर होने के कारण इस नगरशहर की स्थिति बड़ी महत्वपूर्ण रही है। प्रकृति ने दुर्ग का रूप देकर उसे व्यापारिक, राजनीतिक और युद्धकालिक दृष्टिकोण से एक महान साम्राज्य की सुदृढ़ और शक्तिशाली राजधानी के अनुरूप बनने में पूर्ण योग दिया था और निरंतर सोलह शताब्दियों तक एक महान साम्राज्य की राजधानी के रूप में इसकी ख्याति बनी हुई थी। सन् १९३०1930 में इसका नया [[तुर्कीतुर्कीयाई भाषा|तुर्कीयाई]] नाम [[इस्तानबुल]] रखा गया। अब यह नगरशहर प्रशासन की दृष्टि से तीन भागों में विभक्त हो गया है इस्तांबुल, पेरा-गलाटा और स्कूतारी। इसमें से प्रथम दो यूरोपीय भाग में स्थित हैं जिन्हें बासफोरस की 500 गज चौड़ी गोल्डेन हॉर्न नामक सँकरी शाखा पृथक् करती है। स्कूतारी तुर्की के एशियाई भाग पर बासफोरस के पूर्वी तट पर स्थित है।
 
यहाँ के उद्योगों में चमड़ा, शस्त्र, इत्र और सोनाचाँदी का काम महत्वपूर्ण है। समुद्री व्यापार की दृष्टि से यह अत्युत्तम बंदरगाह माना जाता है। गोल्डेन हॉर्न की गहराई बड़े जहाजों के आवागमन के लिए भी उपयुक्त है और यह आँधी, तूफान इत्यादि से पूर्णतया सुरक्षित है। आयात की जानेवाली वस्तुएँ मक्का, लोहा, लकड़ी, सूती, ऊनी और रेशमी कपड़े, घड़ियाँ, कहवा, चीनी, मिर्च, मसाले इत्यादि हैं; और निर्यात की वस्तुओं में रेशम का सामान, दरियाँ, चमड़ा, ऊन आदि मुख्य हैं।