"स्त्री जननांग": अवतरणों में अंतर

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== [[मासिक स्राव]] ==
स्त्री को जिस दिन से माहवारी आना प्रारम्भ होता है। उस दिन से वे इसकी गिनती का कार्य दूसरे लोगों पर छोड़ देते है। स्त्रियों में माहवारी पारिवारिक वातावरण, देश, मौसम आदि पर निर्भर करती है। हमारे देश के गर्म तथा तरगर्म इलाकों में लड़कियों में मासिक धर्म (माहवारी) 10 वर्ष से 12 वर्ष की तुलना की उम्र में ही शुरू हो जाती है। तथा ठंडे देशों, प्रदेशों में यह माहवारीमासिक 13धर्म 14 या 1415 साल की उम्र में आती है।
 
स्त्रियों में अंडेदानी में 7-8 वर्ष की उम्र से ही उत्तेजित द्रव ‘हार्मोन्स’ निकलता प्रारम्भ हो जाते है। इस हार्मोन्स को इस्ट्रोजन हार्मोन्स कहते है। इस हार्मोन्स के निकलने के कारण स्त्रियों के स्तनों के आकार बढ़ने लगते है। तथा धीरे-धीरे इनका विकास होता रहता है। 18 वर्ष की आयु तक लड़कियों का शरीर पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है। इसके बाद स्त्रियों के शरीर में चर्बी का जमाव, शरीर का गठीला होना, बालों का विकसित होना, गर्भाशय में बच्चेदानी का पनपना और बढ़ना, जननांगों का विकास, नलियों का बढ़ना तथा प्रत्येक महीने के बाद माहवारी का आना प्रमुख पहचान बन जाती है। स्त्रियों में प्रारम्भ में माहवारी अनियमित रहती है। माहवारी के नियमित होने में कई महीने का समय लग सकता है। परन्तु माहवारी के नियमित रूप से होने के लिए किसी उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। धीरे-धीरे स्त्रियों में माहवारी स्वतः ही नियमित रूप से होने लगती है।
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बच्चे के जन्म का रास्ता पीछे की ओर चौड़ा तथा आगे की ओर छोटा होता है। प्रसव होने के समय बच्चा कूल्हे की हडिड्यों में पहले सीधा नीचे की ओर आता है। फिर 90 अंश के कोण पर घूमने के बाद बच्चे का जन्म होता है।
 
 == बच्चे के जन्म का रास्ता ==
बच्चे के जन्म का रास्ता कूल्हे केकी हडिड्यों के ऊपर की सतह से नीचे की सतह तक होता है। यह मार्ग पीछे की ओर चौड़ा तथा आगे की तरफ छोटा होता है। बच्चे को पैदा होने के लिए कूल्हे की हडिड्यों में पहले सीधा नीचे की ओर उतरना पड़ता है। फिर 90 अंश के कोण पर घूमने के बाद बच्चे का जन्म होता है। महिलाओं में प्रकृति ने यह कोण प्रदान कर बच्चे के जन्म में आसानी की है नहीं तो बच्चा जन्म लेते ही सीधे नीचे की ओर गिर सकता है। बच्चे के जन्म के रास्ते की मांसपेशियां सामने की ओर अधिक मजबूत होती है। ये मांसपेशियां बच्चे के जन्म में सहायता होती है तथा पीछे और नीचे की मांसपेशियां सामने की मांसपेशियों के तुलना में कमजोर होती है।
 
== कूल्हे के नीचे का भाग ==