"पात्रे निषेचन": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Blausen 0060 AssistedReproductiveTechnology.png|thumb|right|350px|पात्रे निषेचन (IVF) का सरलीकृत चित्रण जिसमें एकल-वीर्य इन्जेक्शन का चित्रण है।]]
'''पात्रे निषेचन''' या '''इन विट्रो फर्टिलाइजेशन''' (''आईवीएफ''), [[निषेचन]] की एक कृत्रिम प्रक्रिया है जिसमें किसी [[महिला]] के [[अंडाशय]] से अंडे निकालकर उसका संपर्क द्रव माध्यम में [[शुक्राणु|शुक्राणुओं]] से (शरीर के बाहर किसी अन्य पात्र में) कराया जाता है।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/science-38069984|title=आईवीएफ़ तकनीक: हिसाब लगाएं, बच्चा कब होगा}}</ref> इसके बाद [[निषेचन|निषेचित]] अंडे को महिला के [[गर्भाशय]] में रख दिया जाता है। और इस तरह गर्भ-नलिकाओं का उपयोग नहीं होता है।
 
यह महिलाओं में कृत्रिम गर्भाधान की सबसे प्रभावी तकनीक मानी जाती है। आमतौर पर इसका प्रयोग तब करते हैं जब महिला की अण्डवाही नलियाँ बन्द होने हैं या जब मर्द बहुत कम शुक्राणु (स्पर्म) पैदा कर पाता है।
 
इस प्रक्रिया में कई बार दूसरों द्वारा दान में दिए गए अण्डों, दान में दिए वीर्य या पहले से फ्रोजन एमबरायस का उपयोग भी किया जाता है। दान में दिए गए अण्डों का प्रयोग उन स्त्रियों के लिए किया जाता है है जो कि अण्डा उत्पन्न नहीं कर पातीं। इसी प्रकार दान में दिए गए अण्डों या वीर्य का उपयोग कई बार ऐसे स्त्री पूरूष के लिए भी किया जाता है जिन्हें कोई ऐसी जन्मजात बीमारी होती है जिसका आगे बच्चे को भी लग जाने का भय होता है।
 
३५ वर्ष तक की आयु की स्त्रियों में इस की सफलता की औसत दर ३७ प्रतिशत देखी गई है। आयु वृद्धि के साथ साथ सफलता की दर घटने लगती है। आयु के अतिरिक्त भी सफलता की दर बदलती रहती है और अन्य कई बातों पर भी निर्भर करती है। तकनीक की सफलता की दर बदलती रहती है और अन्य कई बातों पर भी निर्भर करती है। तकनीक की सफलता दर को प्रभावित करने वाली चीज़ों में शामिल है -
 
* अनुर्वरकता का कारण
* तकनीक का प्रकार
* अण्डा ताज़ा है या फ्रोज़न
* एमब्रो (भ्रूण) ताज़ा है या फ्रोज़न।
 
==इतिहास==
विश्व में पहली बार इस प्रक्रिया का प्रयोग [[संयुक्त राजशाही]] में पैट्रिक स्टेपो और रॉबर्ट एडवर्डस ने किया था। उनके इस प्रक्रिया से जन्मे बच्चे का नाम लुईस ब्राउन था जिसका जन्म [[२५ जुलाई]], [[१९७८]] को [[मैनचेस्टर]] में हुआ था। भारत में पहली बार डॉक्टर [[सुभाष मुखोपाध्याय]] ने इस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया था।<ref name="वेबदुनिया">[http://hindi.webdunia.com/news/news/national/0906/19/1090619054_1.htm कई दंपतियों के लिए आशा की किरण है आईवीएफ]</ref> आज ये तकनीक निस्संतान दंपत्तियों के लिए एक नयी आशा की किरण है।<ref>[http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/nri/nriactivities/0906/06/1090606082_1.htm आईवीएफ ट्रीटमेंट का करिश्मा ]</ref> इनके द्वारा तैयार कि गयी परखनली शिशु, दुर्गा थी, जो विश्व की दूसरी परखनली शिशु थी।<ref name="वेबदुनिया"/> इस तकनीक द्वारा मनचाहे गुणों वाली संतान और बहुत से रोगों से जीवन पर्यन्त सुरक्षित संतान उत्पन्न करने के प्रयास भी जारी है। बहुत से प्रयास सफल भी हो चुके हैं।<ref name="">[http://www.bhaskar.com/2009/08/05/0908051544_designer_baby_india_technic.html मनचाहे गुणों वाली संतान यानी डिजाइनर बेबी]</ref>
 
आरंभिक दौर में आईवीएफ का इस्तेमाल महिलाओं में [[फैलोपिन ट्यूब]] की समस्या के समाधान के तौर पर किया जाता है, लेकिन बाद में इसकी ऐसी तकनीक भी विकसित की गई, जो पुरुषों की नपुंसकता का भी इलाज करती हो। वर्तमान में आईवीएफ में कई तकनीक प्रचलन में है जिसमें [[आईसीएसआई]], [[जेडआईएफटी]], [[जीआईएफटी]] और [[पीजीडी]] है।
 
== विधि ==
[[आईसीएसई]] का प्रयोग उस स्थिति में किया जाता है जब अंडों की संख्या कम होती है या फिर शुक्राणु, अंडाणु से क्रिया करने लायक बेहतर अवस्था में नहीं होते। इसमें माइक्रोमेनीपुलेशन तकनीक द्वारा शुक्राणुओं को सीधे अंडाणुओं में इंजेक्ट कराया जाता है। [[जेडआईएफटी]] में महिला के अंडाणुओं को निकाल कर उन्हें निषेचित कर महिला के गर्भाशय में स्थापित करने के बजाए उसके फेलोपिन टच्यूब में स्थापित किया जाता है। आईवीएफ की प्रक्रिया सुपरओव्यूलेशन, अंडे की पुन:प्राप्ति, निषेचन और भ्रूण स्थानांतरण के रूप में पूर्ण होती है। इसका प्रयोग वे महिलाएं भी कर सकती हैं जिनमें रजोनिवृत्ति हो चुकी है और फैलोपियन ट्यूब बंद हो चेके हैं। इस प्रकार ये सुविधा एक वरदान सिद्ध होती है।
 
==अन्य प्रकार के निषेचन==
 
* [[ज़ायगोट इन्टराफैलोपियन टांस्फर]] (जेड आई एफ टी)
* [[गेमेटे इन्टराफैलोपियन टांस्फर]] (जी आई एफ टी)
* [[इन्टरासाईटोप्लास्मिक स्पर्म इंजैक्शन]] (आई सी एस आई)
 
=== ज़िगोटे इन्टराफैलोपियन ट्रांस्फर ===
 
जेड आई एफ टी भी आई वी एफ के सदृश होता है। उर्वरण लेब्रोटरी में किया जाता है। तब अति सद्य भ्रूण को गर्भाशय की अपेक्षा फैलोपियन ट्यूब में डाल दिया जाता है।
 
=== गैमेटे इन्टरफैलोपियन ट्रांस्फर ===
जी आई एफ टी के अन्तर्गत महिला की अण्डवाही ट्यूब में अण्डा और वीर्य स्थानान्तरित किया जाता है। उर्वरण महिला के शरीर में ही होता है।
 
=== इन्टरासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजैक्शन ===
आई सी एस आई में उर्वरित अण्डे में मात्र एक शुक्राणु को इंजैक्ट किया जाता है। तब भ्रूण को गर्भाशय या अण्डवाही ट्यूब में ट्रांस्फर (स्थानान्तरित) किया जाता है। इसका प्रयोग उन दम्पतियों के लिए किया जाता है जिन्हें वीर्य सम्बन्धी कोई घोर रोग होता है। कभी कभी इसका उपयोग आयु में बड़े दम्पतियों के लिए भी किया जाता है या जिनका आई वी एफ का प्रयास असफल रहा हो।
 
==इन्हें भी देखें==
* [[लैंगिक जनन]]
* [[वाई गुण सूत्र]]
* [[अर्धसूत्रण]]
* [[निषेचन]]
* [[कृत्रिम वीर्यसेचन]] (आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन)
* [[अंतःगर्भाशयी वीर्यसेचन]] (इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन)
 
==बाहरी कड़ियाँ==
* [https://www.youtube.com/watch?v=yAwElfuvCt8 3 ways to get pregnant]
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/metro/lucknow/other-news/-/articleshow/10491354.cms बकरियों के कृत्रिम गर्भाधान में बड़ी कामयाबी] (नवभारत टाइम्स)
*[http://www.dprmp.org/NewsDetail.aspx?newsid=217454&disid=43 पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान कराएं और दुग्ध उत्पादन की क्षमता बढ़ाएं]
* [https://www.youtube.com/watch?v=SUdAEGXLO-8&t=240s निषेचन Human fertilization]
 
== सन्दर्भ ==
{{reflist}}
 
{{आईवीएफ}}
 
[[श्रेणी:फर्टिलिटी]]
[[श्रेणी:इन विट्रो गर्भाधान]]
[[श्रेणी:गायनोकोलॉजी]]
[[श्रेणी:सायरोबायोलॉजी]]
[[श्रेणी:गर्भाधान तकनीक]]
[[श्रेणी:ऑब्स्टेट्रिक्स]]
[[श्रेणी:गर्भधारण]]
[[श्रेणी:प्रजनन]]
[[श्रेणी:हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना]]