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{{गुप्त साम्राज्य ज्ञानसन्दूक}}
[[चित्र:Skanda1b.jpg|right|thumb|300px|स्कन्दगुप्तकालीन मुद्रा जिस पर स्कन्दगुप्त का चित्र अंकित है।]]
'''स्कन्दगुप्त''' प्राचीन [[भारत]] में तीसरी से पाँचवीं सदी तक शासन करने वाले [[गुप्त राजवंश]] काके आठवें राजा था।थे। इनकी राजधानी [[पाटलिपुत्र]] थी जो वर्तमान समय में [[पटना]] के रूप में [[बिहार]] की राजधानी है।
 
स्कन्दगुप्त ने जितने वर्षों तक शासन किया उतने वर्षों तक युद्ध किया। भारत की बर्बर हूणों से रक्षा करने का श्रेय स्कन्दगुप्त को जाता है। हूण मध्य एशिया में
स्कन्दगुप्त ने जितने वर्षों तक शासन किया उतने वर्सो तक युध किया हुन उसके बहुत बने शत्रु थे जो कि मध्य अशिय में रह्ते थे उन्हो ने हिन्दु कुश पार कर उन्हो ने गन्धार पर अधिकार कर लिया और महान गुप्त साम्राज्य पर धावा बोला परंतु भरत पर एक वीर योद्धा शासन कर रहा थावह स्कन्दगुप्त था जिसने पुस्यमित्रो ओ पराजित कर अपने महानतम का परिछया दिया एस विता पुर्वक कार्य के फल स्वरुप स्कन्दगुप्त ने विक्रमादित्य कि उपधि धारन कि उसने विस्नु स्तम्भ का निर्मन करवाया स्कन्दगुप्त के भुजाओ में प्रताप से सम्पुर्न पिर्थवि कापने लगती थी औरे एक भयन्कर बव्न्दर उथ खना ह्मेता था
निवास करने वाले बर्बर कबीलाई लोग थे। उन्होंने हिन्दु कुश पार कर गन्धार पर अधिकार कर लिया और फिर महान गुप्त साम्राज्य पर धावा बोला। परंतु वीर स्कन्दगुप्त ने उनका सफल प्रतिरोध कर उन्हें खदेड़ दिया। हूणों के अतिरिक्त उसने पुष्यमित्रों को भी विभिन्न संघर्षों में पराजित किया। पुष्यमित्रों को परास्त कर अपने नेतृत्व की योग्यता और शौर्य को सिद्ध कर स्कन्दगुप्त ने विक्रमादित्य कि उपाधि धारण की. उसने विष्णु स्तम्भ का निर्माण करवाया.
 
== शासन नीति ==