"दिलीप कुमार": अवतरणों में अंतर

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'''दिलीप कुमार''' (जन्म [[11 दिसंबर]], [[1922]]<ref name="bhaskarnews">{{cite web | url=http://www.news.oneindia.in/2008/05/07/sardar-singh-named-captain-pargat-is-manager-of-indian-hockey-team-1210171096.html| title=कभी पैसे के पीछे नहीं भागे दिलीप, पाकिस्तान भी दे चुका है सर्वोच्च सम्मान| publisher = [[दैनिक भास्कर]]| date= 12 दिसंबर 2014 | accessdate= 06 फ़रवरी 2015}}</ref>; जन्म का नाम: '''यूसुफ़ ख़ान'''), हिन्दी फिल्मोंफ़िल्मों के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय [[अभिनेता]] है जो भारतीय संसद के उच्च सदन [[राज्य सभा]] के सदस्य रह चुके है। दिलीप कुमार को उनके दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता है, त्रासद या दु:खद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजिडी किंग' भी कहा जाता था। उन्हें भारतीय फिल्मोंफ़िल्मों के सर्वोच्च सम्मान [[दादा साहब फाल्के पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया है, इसके अलावा दिलीप कुमार को [[पाकिस्तान]] का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया है।<ref name="bhaskarnews" />
 
== जीवन ==
दिलीप कुमार के जन्म का नाम मुहम्मद युसुफ़ खान है। उनका जन्म [[पेशावर]] (अब पाकिस्तान मे) में हुआ था। उनके पिता [[मुंबई]] आ बसे थे, जहाँ उन्होने हिन्दी फिल्मोंफ़िल्मों में काम करना शुरू किया। उन्होने अपना नाम बदल कर दिलीप कुमार कर दिया ताकि उन्हे हिन्दी फिल्मोफ़िल्मो में ज्यादा पहचान और सफलता मिले।
 
दिलीप कुमार ने अभिनेत्री [[सायरा बानो]] से [[1966]] में विवाह किया। विवाह के समय दिलीप कुमार 44 वर्ष और सायरा बानो की 22 वर्ष की थीं। [[1980]] में कुछ समय के लिए आसमां से दूसरी शादी भी की थी।
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== करियर ==
उनकी पहली फिल्मफ़िल्म 'ज्वार भाटा' थी, जो [[1944]] में आई।<ref name="bhaskarnews" />[[1949]] में बनी फिल्मफ़िल्म [[अंदाज़]] की सफलता ने उन्हे प्रसिद्धी दिलाई, इस फिल्मफ़िल्म में उन्होने [[राज कपूर]] के साथ काम किया। दिदार ([[1951]]) और देवदास ([[1955]]) जैसी फिल्मोफ़िल्मो में दुखद भूमिकाओं के मशहूर होने के कारण उन्हे ''ट्रेजिडी किंग'' कहा गया। मुगले-ए-आज़म ([[1960]]) में उन्होने मुग़ल राजकुमार जहांगीर की भूमिका निभाई। यह फिल्मफ़िल्म पहले श्वेत और श्याम थी और [[2004]] में रंगीन बनाई गई। उन्होने [[1961]] में [[गंगा]]-जमुना फिल्मफ़िल्म का निर्माण भी किया, जिसमे उनके साथ उनके छोटे भाई नासीर खान ने काम किया।
 
1970, 1980 और 1990 के दशक में उन्होने कम फिल्मोफ़िल्मो में काम किया। इस समय की उनकी प्रमुख फिल्मेफ़िल्मे थी: विधाता ([[1982]]), दुनिया ([[1984]]), कर्मा ([[1986]]), इज्जतदार ([[1990]]) और सौदागर ([[1991]])। [[1998]] में बनी फिल्मफ़िल्म किला उनकी आखरी फिल्मफ़िल्म थी।
 
उन्होने [[रमेश सिप्पी]] की फिल्मफ़िल्म शक्ति में [[अमिताभ बच्चन]] के साथ काम किया। इस फिल्मफ़िल्म के लिए उन्हे [[फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार]] भी मिला।
 
वे आज भी प्रमुख अभिनेताओ जैसे शाहरूख खा़न के प्रेरणास्रोत्र है।