"भूभौतिकी": अवतरणों में अंतर

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'''भूभौतिकी''' (Geophysics) [[पृथ्वी]] की [[भौतिकी]] है। इसके अंतर्गत पृथ्वी संबंधी सारी समस्याओं की छानबीन होती है। साथ ही यह एक प्रयुक्त [[विज्ञान]] भी है, क्योंकि इसमें भूमि समस्याओं और प्राकृतिक रूपों में उपलब्ध पदार्थों के व्यवहार की व्याख्या मूल विज्ञानों की सहायता से की जाती है। इसका विकास भौतिकी और [[भूविज्ञान|भौमिकी]] से हुआ है। भूविज्ञानियों की आवश्यकता के फलस्वरूप नए साधनों के रूप में इसका जन्म हुआ।
 
[[विज्ञान]] की शाखाओं या उपविभागों के रूप में [[भौतिकी]], [[रसायन]], [[भूविज्ञान]] और [[जीवविज्ञान]] को मान्यता मिले एक अरसा बीत चुका है। ज्यों-ज्यों विज्ञान का विकास हुआ, उसकी शाखाओं के मध्यवर्ती क्षेत्र उत्पन्न होते गए, जिनमें से एक भूभौतिकी है। उपर्युक्त विज्ञानों को [[चतुष्फलकी]] के शीर्ष पर निरूपित करें तो चतुष्फलक की भुजाएँ (कोर) नए विज्ञानों को निरूपित करती हैं। भूभौतिकी का जन्म [[भौमिकी]] एवं [[भौतिकी]] से हुआ है।
 
== भूभौतिकी के उपविभाग ==
[[चित्र:2008 age of ocean plates.png|right|thumb|300px|समय से सम्बन्धित अधिकांश जानकारी चुम्बकीय असंगतियों (magnetic anomalies) से प्राप्त होती है।]]
प्रयोग और सिद्धांत की नई प्रविधियों और औजारें की प्रयुक्ति भूसमस्याओं पर करने के साथ साथ अन्वेषण के नए नए क्षेत्र प्राप्त होते गए, जिनका समावेश भूभौतिकी में कर लिया गया।

; शुद्ध भूभौतिकी
अब शुद्ध भूभौतिकी के निम्नलिखित लगभग दस उपविभाग है :
 
: (1) [[ग्रह विज्ञान]], (2) [[वायुविज्ञान]], (3) [[मौसम विज्ञान]], (4) [[जलविज्ञान]]
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== इन्हें भी देखें ==
* [[ताराभौतिकी]]
* [[राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान]]
* [[भूरसायन]]
* [[राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान]]
* [[अंतरराष्ट्रीय भूगणित एवं भूभौतिकी संघ]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==