"पहलवी साम्राज्य": अवतरणों में अंतर
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'''पहलवी साम्राज्य''' ({{lang-en|Parthian Empire}} 247 ईसा पूर्व – 224 ईस्वी), [[ईरान का इतिहास|प्राचीन ईरान]] और [[मेसोपोटामिया|ईराक]] का प्रमुख राजनैतिक और सांस्कृतिक केन्द्र था।<ref>{{harvnb|वाटर्स|1974|p=424}}</ref> इसका संस्थापक पार्थिया का [[अश्क प्रथम]], जो कि [[पर्णि कबीला|पर्णि कबीले]] का प्रमुख भी था, ने तृतीय शताब्दी ईसा पूर्व में [[पार्थिया]] क्षेत्र को जीत कर की थी। [[मिहर्दत प्रथम]] (शासनकाल 171–138 ईसा पूर्व) ने [[सेल्युकसी साम्राज्य]] से [[मीदि]] व [[मेसोपोटामिया]] छीनकर और अधिक विस्तार किया। अपने उत्कर्ष काल में यह साम्राज्य [[फ़रात नदी]] तक फैल गया था, जो क्षेत्र वर्तमान में उत्तर-पूर्वी [[तुर्की]] से लेकर पूर्वी [[ईरान]] तक है। यह साम्राज्य [[रेशम मार्ग]] पर स्थित था, जो कि उस समय [[रोमन साम्राज्य]] व [[हान राजवंश]] के मध्य प्रमुख व्यापारिक मार्ग था। इस कारण से यह साम्राज्य व्यापारिक व वाणिज्यिक केन्द्र बन गया था।
पहलवों ने कला, वास्तु-कला, धार्मिक मान्यताएँ और राजचिह्न वृहत स्तर पर अपने समकालीन सांस्कृतिक साम्राज्यों सी ली थी, जो कि [[पर्शियन]] व [[हेलिनिस्टिक]] कालखण्ड को परलक्षित करते हैं। इस साम्राज्य के प्रथम अर्ध कालखण्ड पर [[यूनानी संस्कृति]] की छाप दिखती हैं, जो कि धीरे-धीरे अंत तक [[ईरानी संस्कृति]] में परिवर्तित हो जाती है। पहलवी साम्राज्य के शासकों को "राजाधिराज" को उपाधि प्राप्त थी क्योंकि ये स्वयं को [[हख़ामनी साम्राज्य]] का वास्तविक उत्तराधिकारी मानते थे।
प्रारम्भ में पहलवों के शत्रु पश्चिम में [[सेल्युकसी साम्राज्य]] व पूर्व में [[शक]] थे। जैसे-जैसे इनके साम्राज्य का पश्चिम की ओर विस्तार हुआ, उनका सीधा संघर्ष [[आर्मेनियाई साम्राज्य]] व [[रोम गणतन्त्र]] से होने लगा। रोमनों व पहलवों में आर्मेनिया के राजाओं को अपने कठपुतली के रूप में स्थापित करने की होड़ लगी रहती थी। पहलवों ने रोमन गवर्नर [[मार्कस लिसीनियस क्रास्सस]] को 53 ईसा पूर्व में [[कार्रहाए के युद्ध]] में निर्णायक रूप से हराकर 40–39 ईसा पूर्व तक [[टायर]] को छोड़कर पूरे [[लेवांट]] क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। तथापि [[मार्क एन्टोनी]] ने जवाबी आक्रमण करके एक सीमित सफलता प्राप्त की। इस तरह से कुछ शताब्दियों तक [[रोमन-पहलव युद्ध]] चलता रहा। इन युद्धों में कई बार रोमनों ने [[सेल्युसिया]] व तेसीफोन नगरों पर नियंत्रण तो किया परन्तु वे लम्बे समय तक इसे अपने हाथ में नहीं रख पाये। इसी बीच सिंहासन के लिये पहलवों के मध्य ही गृह युद्ध होने लग गये जो कि विदेशी आक्रमण से भी अधिक खतरनाक थे। पहलव साम्राज्य का पतन तब हुआ जब [[फ़ार्स]] के [[इश्तकिर]] के शासक [[अर्दशिर प्रथम]] ने पहलवों के विरुद्ध बगावत कर दी व अंतिम शासक [[अर्ताबनुस पंचम]] की हत्या करके [[सासानी साम्राज्य]] की स्थापना की, जो कि ईरान पर मुस्लिम आक्रमण के पहले सातवीं शताब्दी तक अस्तित्व में रहा।
[[पहलव लिपि|पहलव]] व [[प्राचीन यूनानी भाषा|यूनानी]] में लिखे मूल पहलव स्रोत [[सासानी साम्राज्य|सासानी]] व [[हख़ामनी साम्राज्य|हख़ामनी]] की तुलना में बहुत ही दुर्लभ है। फैले हुए कीलाकर फलकों, शिलालेखों, [[द्राच्मा]] सिक्कों तथा कुछ चर्मपत्रों के अतिरिक्त पहलवों का इतिहास बाहरी स्रोतों से ही प्राप्त हुए हैं।
==सन्दर्भ==
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