"जनक": अवतरणों में अंतर
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* रामभद्र दीक्षित के [[जानकीपरिणय]] नाटक में रावण राम बनकर जनक से सीता का हाथ मागता है तभी वहाँ असली राम भी आते हैं और असली राम के धनुष-भंग करने पर जनक उनका विवाह राम से करा देते हैं। इस नाटक में रावण और जनक को मित्र बताया गया है।
* राम पाणिवाद के सीताराघव नाटक में जनक का उल्लेख है जो सीता की विदाई कर रहे हैं।
==बौद्ध साहित्य==
बौद्ध धर्म की जातक-कथाओं में '''महाजनक''' का उल्लेख हैं। उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र अरीथ्थजनक और पोलजनक की लडाई हुए। इस युद्ध मे अरीथ्थजनक मारे गई और उनकी गर्भवती पत्नी मिथिला से भाग गई। उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम महाजनक रखा गया। पोलजनक द्वारा अपने पिता की हत्या की मृत्यु हुए यह जानकर महाजनक ने मिथिला लेना का निर्णय किया।
[[ File:Thai - Mahajanaka Jataka - Walters 2010127.jpg |thumb| मणिमेखलाई का महाजनक की रक्षा करने आना ]]
जब महाजनक सामुद्रिक मार्ग से मिथिला जा रहे थे कि उनका जहाज डुब गया पर तभी स्वर्गीय देवी मणिमेखलाई ने उनहे बचाकर मिथिला आम के वृक्ष नीचे पहुंचा दिया और महाजनक वही सो गए। मिथिला मे पोलजनक की मृत्यु हुए और उनकी पुत्री शिवाली और अन्य मंत्रीयों ने महाजनक मे राजा के चिह्न देखे और महाजनक को राजा बना दिया।
[[File:Mahajanaka on elephant.jpg |thumb| हाथी पर महाजनक, अंजता की गुफा]]
महाजनक और शिवाली का विवाह हो गया। एक दिन महाजनक ने देखा कि आम के फलों से भरे हुए पेड़ को सब लोग तंग कर आम लेते थे , जब सूखे की पेड़ को कोई देखता भी नहीं। तब महाजनक को ज्ञान हुआ की संपत्ति दुःख लाती हैं और उन्होंने मिथिला का त्याग कर दिया।
==इन्हें भी देखें==
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