"तुंगुस्का घटना": अवतरणों में अंतर
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इस धमाके की ताकत अनुमानत: ३ से लेकर ३० मेगाटन TNT के बीच बताई जाती है। लेकिन मुख्यत: यह विस्फोट १० से १५ मेगाटन TNT के बराबर रहा होगा जो जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में डाले गए परमाणु बमो से १००० गुना (तक़रीबन अमेरिकी "कैसल ब्रावो" बम १९५४ के बराबर तथा रूसी "जार बॉम्बा " जो की मानव द्वारा आज तक किया सबसे बड़ा परमाणु विस्फोट है के २/५ वे भाग के बराबर था )
यह भी अनुमान लगाया गया है की तुंगस्का विस्फोट से २.१५० वर्ग किलोमीटर (८३० वर्गमील ) में स्तिथ ८ करोड़ पेड़ो का सफाया हो गया था और झटके की लहर (Shock Wave ) तक़रीबन ५. रियेक्टर तीव्रता के भूकम्प के बराबर थी। इस तरह का विस्फोट किसी महानगर का आसानी से विनाश कर सकता है लेकि तुंगुस्का मामले में इस जगह के सुदूर साइबेरिया में होने के
इस घटना के बाद से उल्कापिंडों को मानव समुदाय ने गंभीरता से लेना सुरु कर दिया तथा इनके द्वारा होने वाले व्यापक विनाश से वैज्ञानिक लोग अवगत हुए।
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