"चन्द्रयान": अवतरणों में अंतर

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== सदी की सबसे महान उपलब्धि ==
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] ने दावा किया कि चांद पर पानी भारत की खोज है। चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी का पता चंद्रयान-1 पर मौजूद भारत के अपने मून इंपैक्ट प्रोब [एमआईपी] ने लगाया। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के उपकरण ने भी चांद पर पानी होने की पुष्टि की है। चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी का पता भारत के अपने एमआईपी ने लगाया है। चंद्रयान-1 के प्रक्षेपण के करीब एक पखवाड़े बाद भारत का एमआईपी यान से अलग होकर चंद्रमा की सतह पर उतरा था। उसने चंद्रमा की सतह पर पानी के कणों की मौजूदगी के पुख्ता संकेत दिए थे। चंद्रयान ने चांद पर पानी की मौजूदगी का पता लगाकर इस सदी की महत्वपूर्ण खोज की है। इसरो के अनुसार चांद पर पानी समुद्र, झरने, तालाब या बूंदों के रूप में नहीं बल्कि खनिज और चंट्टानों की सतह पर मौजूद है। चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी पूर्व में लगाए गए अनुमानों से कहीं ज्यादा है।
 
== आंकड़े का सार्वजनिक प्रदर्शन==
चंद्रयान-1 द्वारा इकट्ठा किए गए आंकड़े वर्ष 2010 के अंत तक जनता के लिए उपलब्ध कराए गए थे। आंकड़े को दो सत्रों में विभाजित किया गया था जिसमें पहले सत्र 2010 के अंत तक सार्वजनिक हो गया था और दूसरा सत्र 2011 के मध्य तक सार्वजनिक हो गया था। आंकड़ो में चंद्रमा की तस्वीरें और चंद्रमा की सतह के रासायनिक और खनिज मानचित्रण के आंकड़े शामिल हैं।<ref name="STravel">{{cite news |url=http://www.space-travel.com/reports/Data_From_Chandrayaan_Moon_Mission_To_Go_Public_999.html |title=Data From Chandrayaan Moon Mission To Go Public |date=6 September 2010 |accessdate=10 September 2010 |publisher=Space-Travel}}</ref>
 
== चंद्रयान-2 ==
{{Main article|चंद्रयान-2}}
इसरो वर्तमान में [[चंद्रयान-2]] नामक एक दूसरे संस्करण पर काम कर रही है। जिसे 2018 में लॉन्च किया जा सकता है।<ref name="gears">{{cite news |url=http://www.hindustantimes.com/specials/coverage/marsorbitermission/marsorbitermission/mars-conquered-isro-gears-up-for-more/sp-article10-1267932.aspx |title=Mars conquered, Isro gears up for more |work=Hindustan Times |location=New Delhi |date=24 September 2014 |accessdate=1 October 2014}}</ref> भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने दूसरे चंद्रयान मिशन के हिस्से के रूप में एक रोबोट रोवर को शामिल करने की योजना बना रहा है। चंद्रमा की सतह पर पहियों पर चलने के लिए रोवर डिजाइन किया जाएगा। रोवर ऑन-साइट रासायनिक विश्लेषण करेगा और चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के माध्यम से पृथ्वी पर आंकड़े भेजेगा।<ref>{{Cite web |url=http://164.100.158.235/question/annex/241/Au1084.pdf |title=Question No. 1084: Deployment of Rover on Lunar Surface |publisher=[[Rajya Sabha]] |first1=T. |last1=Rathinavel |author1-link=T. Rathinavel |first2=Jitendra |last2=Singh |author2-link=Jitendra Singh (BJP politician) |date=24 November 2016}}</ref>
 
== बाहरी कड़ियाँ ==