"चौरी चौरा कांड": अवतरणों में अंतर

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चौरी चौरा कांड के अभियुक्तों की संख्या और दंड पाने वालों की संख्या अंकित की।
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[[चित्र:Chauri chaura new photo.jpg|right|thumb|250px|चौरी-चौरा का शहीद स्मारक]]
[[चौरी चौरा]], [[उत्तर प्रदेश]] में [[गोरखपुर]] के पास का एक कस्बा है जहाँ 4 फ़रवरी 1922 को भारतीयों ने ब्रिटिश सरकार की एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी जिससे उसमें छुपे हुए 22 पुलिस कर्मचारी जिन्दा जल के मर गए थे। इस घटना को '''चौरीचौरा काण्ड''' के नाम से जाना जाता है। इसके परिणामस्वरूप [[महात्मा गांधी|गांधीजी]] ने कहा था कि हिंसा होने के कारण [[असहयोग आन्दोलन]] उपयुक्त नहीं रह गया है और उसे वापस ले लिया था।<ref name="Vyas">{{cite book|author=Rajshekhar Vyas|title=Meri Kahani Bhagat Singh: Indian Freedom Fighter|url=http://books.google.com/books?id=uVhpBgAAQBAJ&pg=PA33|publisher=Neelkanth Prakashan|pages=33–|id=GGKEY:JE4WZ574KU2}}</ref> चौरी-चौरा कांड के अभियुक्तों का मुक़दमा पंडित मदन मोहन मालवीय ने लड़ा और उन्हें बचा ले जाना उनकी एक बड़ी सफलता थी।<ref name="'Mann'">{{cite book|author=Manju 'Mann'|title=Mahamana Pt Madan Mohan Malviya|url=http://books.google.com/books?id=NmVqCwAAQBAJ&pg=PA124|isbn=978-93-5186-013-6|pages=124–}}</ref>
सेशन कोर्ट ने चौरी चोरा कांड के 225 अभियुक्तों में से 172 को मृत्यु दंड दे दिया ।
Reference
Aun Dutt Sharma " Raajniti Vigyan" Arihant Publication, (India ) Ltd., Meerut
 
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