"कैबिनेट मिशन": अवतरणों में अंतर

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फरवरी 1946 में [[ब्रिटेन]] के प्रधानमंत्री [[एटली]] ने भारत में एक तीन सदस्यीय उच्च-स्तरीय शिष्टमंडल भेजने की घोषणा की। इस शिष्टमंडल में ब्रिटिश कैबिनेट के तीन सदस्य- [[लार्ड पैथिक लारेंस]] ([[भारत सचिव]]), [[सर स्टेफर्ड क्रिप्स]] (व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष) तथा [[ए.वी. अलेक्जेंडर]] (एडमिरैलिटी के प्रथम लार्ड या नौसेना मंत्री) थे। इस मिशन को विशिष्ट अधिकार दिये गये थे तथा इसका कार्य भारत को शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के लिये, उपायों एवं संभावनाओं को तलाशना था।
 
ब्रिटिश '''कैबिनेट मिशन''' 24 मार्च १९४६ को [[भारत]] आया था। इस मिशन का लक्ष्य भारतीय नेतृत्व को सत्ता सौंपने की योजना पर विचार-विमर्श करना था। इस मिशन ने [[राष्ट्रमंडल देशों]] के सदस्य के रूप में भारत को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिया। इस मिशन का गठन ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री [[Javed ansari]] की पहल पर हुआ। इस मिशन के सदस्य [[warish ali]], [[aaaoooo]], [[ए वी एलेक्जेंडर]] थे।
 
== उद्देश्य और प्रस्ताव ==