"मोहम्मद अजहरुद्दीन": अवतरणों में अंतर

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जब अऴरुद्दिन ५० साल के हुवे तब ह्य्द्रबाद के नाउरिन नामक एक युवाती से विवाह किया जिन्हे ९ साल के बाद प्रथाक कर दिया। और (१९९६ मे) सग्गिता बिज्लानि नमाक एक प्र्बल-कलकार से विवाह किया। बिज्लानि के साथ सिर्फ १४ साल बिताये। और फिर उन्से २०१० में प्रथाक कर दी। उन्की पहली पत्नी नौरीन के दो दो पुत्र हैन जिन्का नाम असद और अयाज़ जिन्मे अयाज़ अप्ने १९ साल के उम्र में एक अप्घात में अप्नी प्राण दिये।
 
अज़र एक प्रमुख खिलाडी है। वह अप्ने खेल जी-जान से खेल्ते हैं। वह टेस्ट में २२ शतक लगाये और और ओ-डी-आई में ७ शतक लगाये हैं। और वह एक उत्तम फिल्डर है। उनहोने १५६ केचेस पक्डे है। यह एक ममुली साधन नहि है मगर इस को स्री लन्का के महेला जयवर्धने ने इसे तोड दिया। उन्होनेउन्होंने यह साधन भी किया है कि कम समय में उन्होनेउन्होंने ज़्यदा शतक बनाये हैं जिसे आज के वीरो ने तोड दिया। १९९० में जब इन्ग्ग्लानड में साथ टेस्ट खेले थे तब उन्होनेउन्होंने सिर्फ ८७ ग्गेन्दो में शताक बनया और यह एक उत्तम इन्निङ्स थी पर वह खेल वह हार गये। एडेन गर्डन जो की कोल्कत्ता में है अज़र के लिये एक पसन्दिदा मैदान है, जह उन्होनेउन्होंने सात टेस्ट में ५ शतक बनये थे। १९९१ में इन्हे विस्डम क्रिकेटर ओफ द यर का पुरस्कार मिला था। वे भरत के जवान वीरो के लिये एक आदर्श थे। जब अज़र ९९ टेस्ट खेल चुके थे तब उन्कि ज़िन्दगी में बद्लाव आगया और उन्हे मेच फिकसिग्ग के आरोप में झुट्लाया और फसा दिया और उन्की खेल कि ज़िन्दगी यह पर खत्म् हो गयी। मगर आन्ध्र प्रदेश की सर्कार ने इसे सरासर झूट साबित कर दिया और अजहरुद्दीन औतर मसूम साबित कर दिया। ८ नोवेम्बेर २०१२ को अन्ध्र प्रदेश कि सर्कार ने पर्दा फाश किया और उन्हके ऊपर लगये गये आरोप को बेकार और बेव्कूफी करार किया। भारत टीम म बहुत कप्तान थे मगर जो काम अजहर ने कप्तान बन के किय है वो आज तक भी एक रेकार्ड रह है। उन्होनेउन्होंने १०३ ओ-डी - आई मेच कप्तान बन कर जिताये हैं। और १४ टेस्ट मेच जिताये हैं जिसको सौरव गग्गुली ने फिर तोड दिया। मोहम्मेद अऴरुद्दिन ने हर एक क्रिकेट टीम के खिलाफ बहुत अच्छा खेला है।
 
राजनीती-
जिस तरह अजहर एक अच्छे खिलाडी रहे उसि तरह वह एक अच्छे नेता भी रहे। १९ फ़रवरी २००९ में वह भारतीया काग्ग्रेस पार्टी में भाग लिये। वे २००९ में मोरादाबाद नामक शहर उत्तर प्रदेश के नेता चुनाव में भाग लिया। और वह भारातिय जनता पार्टी के कुन्वर सर्वेश कुमार् सिन्ग्घ को हराया और वह जीत गये थे। उन्हे वह चुनाव से ५०००० से ज़्यदा मत मिले थे। उन्होनेउन्होंने मुरदबाद के लोगो को यह वचन दिया है कि वह मुरादाबाद में एक युनिवेर्सिटी और एक मैदान खोलेग्गे और मुरादाबाद में जो बिज्ली कि तक्लीफ है उसे वह दूर करेग्गे। जब उन्के मेच फिक्सिन्ग्ग के बारे में पुछा गया तो उन्होनेउन्होंने बताया कि उन्हे लोग निशाना बना रहे थे क्यु क वह निच्लि वर्ग के थे।
अभी हाल में सुना गया है कि वह २०१४ में लोक सभा चुनाव वेस्ट बन्ग्गल से भाग लेग्गे।