"साक्षात्कार": अवतरणों में अंतर
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बिंघम तथा मूर (Bingham & Moore, 1924) ने साक्षात्कार को एक उद्देश्यपूर्ण वार्ता माना है। इन्होंने साक्षात्कार को एक ऐसा चित्र माना जिसके द्वारा साक्षात्कारार्थी को कार्य विशेष के योग्य अथवा अयोग्य घोषित किया जा सकता है। वर्तमान समय में साक्षात्कार के उद्देश्य की भिन्नता को लेकर कई परिवर्तन हुए हैं। भिन्नता के आधार पर साक्षात्कार कभी चयन, कभी मनोवृत्ति, कभी सलाह तो कभी मूल्यांकन आदि हुआ करता है। वाइटेलेस ने साक्षात्कार को आवेदक एवं सेवायोजन पदाधिकारियों के बीच प्रत्यक्ष बातचीत माना है।
वर्तमान में साक्षात्कार केवल सूचना प्राप्ति का ही साधन नहीं बल्कि [[मापन]] का भी प्रधान साधन बन गया है। वर्तमान में व्यावसायिक अनुकूलता (Vocational fitness) ज्ञात करने की एक विधि के रूप में इसके कई उद्देश्य प्रकट हुए
* परिकल्पनाओं का स्रोत बनना,
* गुणात्मक तथ्यों को एकत्रित करना,
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