"लेंज का नियम": अवतरणों में अंतर

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: "प्रेरित धारा की दिशा सदा ऐसी होती है जो उस कारण का विरोध करती है जिससे वह स्वयं उत्पन्न होती है।"
 
इस नियम का प्रतिपादन हिनरिक लेंज (Heinrich Lenz) ने सन् १८३३ में किया था।
पंकज शर्मा। भगत जी
 
== बाहरी कड़ियाँ ==