"गीताप्रेस": अवतरणों में अंतर

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[[File:Gita Press Gorakhpur outlet at Kanpur Railway Station.jpg|thumb|300PX|गीताप्रेस का [[कानपुर]] रेलवे स्टेशन पर स्टॉल ]]
== स्थापना एवं परिचय ==
गीताप्रेस की स्थापना सन् 1923 ई० में हुई थी। इसके संस्थापक महान गीता-मर्मज्ञ स्व. [[जयदयाल गोयन्दका|श्री जयदयाल गोयन्दका]] जी थे। इस सुदीर्घ अन्तरालमें यह संस्था सद्भावों एवं सत्-साहित्य का उत्तरोत्तर प्रचार-प्रसार करते हुए भगवत्कृपा से निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। आज न केवल समूचे भारत में अपितु विदेशों में भी यह अपना स्थान बनाये हुए है। गीताप्रेस ने निःस्वार्थ सेवा-भाव, कर्तव्य-बोध, दायित्व-निर्वाह, प्रभुनिष्ठा, प्राणिमात्र के कल्याण की भावना और आत्मोद्धार की जो सीख दी है, वह सभी के लिये अनुकरणीय आदर्श बना हुआ है।
करीब 90 साल पहले यानी 1923 में स्थापित गीता प्रेस द्वारा अब तक 45.45 करोड़ से भी अधिक प्रतियों का प्रकाशन किया जा चुका है। इनमें 8.10 करोड़ भगवद्गीता और 7.5 करोड़ रामचरित मानस की प्रतियां हैं। गीता प्रेस में प्रकाशित महिला और बालोपयोगी साहित्य की 10.30 करोड़ प्रतियों पुस्तकों की बिक्री हो चुकी है।