"हिन्दी साहित्य का इतिहास": अवतरणों में अंतर

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=== अपभ्रंश तथा आदि-हिन्दी का विकास ===
* '''४००प्रथम सदी ई०पू०/५वीं सदी ई०''' - [[कालिदास]] ने "'[[विक्रमोर्वशीयम्]]"' में अपभ्रंश का प्रयोग किया।
* '''५५०५५०ई०''' - वल्लभी के दर्शन में [[अपभ्रंश]] का प्रयोग।
* '''७६९''' - [[सरह|सिद्ध सरहपाद]] (जिन्हें कई लोग हिन्दी का पहला कवि मानते हैं) ने "'दोहाकोश"' लिखा।
* '''७७९''' - [[उद्योतन सूरि]] की "'कुवलयमाला"' में अपभ्रंश का प्रयोग।
* '''८००''' - संस्कृत में बहुत सी रचनाएँ लिखी गयीं।
* '''९३३''' - [[देवसेन]] की "'सावयधम्म दोहा"' (श्रावकधर्म दोहा या श्रावकाचार) {कुछ लोग इसे भी हिन्दी की पहली पुस्तक मानते हैं}<ref>http://hindinideshalaya.nic.in/hindi/hindi_orgin/oldhindi.html</ref>।
* '''११००''' - आधुनिक [[देवनागरी लिपि]] का प्रथम स्वरूप।
* '''११४५-१२२९''' - [[हेमचंद्राचार्य]] ने [[शब्दानुशासन|सिद्ध हेम शब्दानुशासन]] नामक अपभ्रंश-व्याकरण की रचना की।