"शैलेश मटियानी": अवतरणों में अंतर

शैलेश मटियानी की जन्म तिथि गलत लिखी गई थी । सुधार कर दिया गया है
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छोNo edit summary
पंक्ति 1:
{{आज का आलेख}}
{{ज्ञानसन्दूक लेखक
| नाम = रमेशचंद्ररमेशचन्द्र सिंह मटियानी
| चित्र = Shailesh_Matiyani.jpg
| चित्र आकार = 200px
| चित्र शीर्षक = शैलेश मटियानी
| उपनाम = शैलेश मटियानी
| जन्मतारीख़ = [[२६१४ मार्चअक्टूबर]], [[१९३१]]
| जन्मस्थान = [[बाड़ेछीनाबाड़ीछीना]], [[अल्मोड़ा]], [[उत्तराखंड]]
| मृत्युतारीख़ = [[२४ अप्रैल]] [[२००१]]
| मृत्युस्थान = [[दिल्ली]], [[भारत]]
पंक्ति 25:
| मुख्य काम =
}}
'''शैलेश मटियानी''' ([[१४ अक्टूबर]] [[१९३१]] - [[२४ अप्रैल]] [[२००१]]) आधुनिक हिंदीहिन्दी साहित्य जगत में [[नई कहानी आंदोलनआन्दोलन]] के दौर के एवंतथा उससे जुड़े हुए प्रसिद्ध गद्यकार हैं।थे। उन्होंने 'मुठभेड़', 'बोरीबली से बंबई' जैसे [[उपन्यास]], चील, अर्धांगिनी जैसी [[कहानी|कहानियों]] के साथ ही अनेक [[निबंध]] औरतथा प्रेरणादायक [[संस्मरण]] भी लिखे हैं। उनके हिन्दी साहित्य के प्रति प्रेरणादायक समर्पण व उत्कृष्ट रचनाओं के फलस्वरूप आज भी उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में पुरस्कार का वितरण होता है।<ref>{{cite web|url=https://www.amarujala.com/dehradun/27-teachers-of-uttarakhand-will-get-shailesh-matiyani-award|title=उत्तराखंड के 27 श‌िक्षकों को मिलेगा शैलेश मटियानी पुरस्कार|publisher=अमर उजाला, हिन्दी दैनिक, उत्तराखण्ड संस्करण|accessdate=22 दिसम्बर, 2017}}</ref>
 
== जीवन वृत्त ==
उनकाशैलेश मटियानी का जन्म बाड़ेछीना[[उत्तराखण्ड]] गांवराज्य (जिलाके अलमोड़ा,कुमांऊँ उत्तराखंडक्षेत्र के अन्तर्गत [[अल्मोड़ा]] जिले के [[भिकियासैंण]] तथा [[पौराणिक बृद्धकेदार]] के मध्य जैनल नामक स्थान के समीप बाड़ीछीना नाम के गॉंव में १४ अक्टूबर, (भारत))१९३१ में हुआ था। उनका मूल नाम रमेशचंद्ररमेशचन्द्र सिंह मटियानी था। बारह वर्ष ([[१९४३]]) की अवस्था में उनके माता-पिता का देहांत हो गया।गया उसथा, समयतब वे पांचवींपाॅंचवीं कक्षा केमें छात्रपढ़ते थे।थे, इसकेतदोपरान्त बादअपने वे अपनेचाचा चाचाओंलोगों के संरक्षण में रहेरहे। किंतुकिन्हीं उनकीकारणों से निरन्तर विद्याध्ययन में व्यवधान पड़ गया और पढ़ाई रुक गई। इस बीच उन्हें बूचड़खाने तथा जुए की नाल उघाने का काम करना पड़ा। पाॅंच साल बाद 17 वर्ष की उम्र में उन्होंने फिर से पढ़ना शुरु किया।
 
पांच साल बाद 17 वर्ष की उम्र में उन्होंने फिर से पढ़ना शुरु किया। विकट परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण की।की वेतथा १९५१रोजगार की तलाश में अल्मोड़ापैत्रिक सेगॉंव छोड़कर १९५१ में दिल्ली आ गए।गए थे। यहाँ वे 'अमर कहानी' के संपादक, आचार्य ओमप्रकाश गुप्ता के यहांयहाॅं रहने लगे। तबतक 'अमर कहानी' और 'रंगमहल' से उनकी कहानी प्रकाशित हो चुकी थी। इसके बाद वे इलाहाबाद गए। उन्होंने [[मुज़फ़्फ़र नगर]] में भी काम किया। दिल्ली आकर कुछ समय रहने के बाद वे बंबई चले गए। फिर पांचपाॅंच-छह वर्षों तक उन्हें कई कठिन अनुभवों से गुजरना पड़ा। [[१९५६]] में श्रीकृष्ण पुरी हाउस में काम मिला जहाँ वे अगले साढ़े तीन साल तक रहे और अपना लेखन जारी रखा। बंबई से फिर अल्मोड़ा और दिल्ली होते हुए वे इलाहाबाद आ गए और कई वर्षों तक वहीं रहे। 1992 में छोटे पुत्र की मृत्यु के बाद उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। जीवन के अंतिम वर्षों में वे हल्द्वानी आ गए। विक्षिप्तता की स्थिति में उनकी मृत्यु दिल्ली के शहादरा अस्पताल में हुई।
 
== रचना कर्मक्रम ==
१९५० से ही उन्होंने कविताएंकविताएें और कहानियां लिखनी शुरू कर दी थी। शुरु में वे रमेश मटियानी 'शैलेश' नाम से लिखते थे। उनकी आरंभिक कहानियां 'रंगमहल' और 'अमर कहानी' पत्रिका में प्रकाशित हुई। उन्होंने 'अमर कहानी' के लिए 'शक्ति ही जीवन है' ([[१९५१]]) और 'दोराहा' ([[१९५१]]) नामक लघु उपन्यास भी लिखा।
उनका पहला कहानी संग्रह 'मेरी तैंतीस कहानियां' [[१९६१]] में प्रकाशित हुआ। उनकी कहानियों में '[[डब्बू मलंग]]', '[[रहमतुल्ला]]', 'पोस्टमैन', 'प्यास और पत्थर', '[[दो दुखों का एक सुख]]' (1966), '[[चील]]', '[[अर्द्धांगिनी]]', ' जुलूस', 'महाभोज', 'भविष्य' और 'मिट्टी' आदि विशेष उल्लेखनीय है। कहानी के साथ ही उन्होंने कई प्रसिद्ध उपन्यास भी लिखा। उनके कई निबंध संग्रह एवं संस्मरण भी प्रकाशित हुए। उन्होंने 'विकल्प' और 'जनपक्ष' नामक दो पत्रिकाएँ निकाली। उनके पत्र 'लेखक और संवेदना' ([[१९८३]]) में संकलित हैं।
 
पंक्ति 53:
* 'अहिंसा तथा अन्य कहानियां',
* 'भेंड़े और गड़ेरिए'
 
=== उपन्यास ===
* 'हौलदार' ([[१९६१]]),
Line 74 ⟶ 75:
* 'माया सरोवर' ([[१९८७]])
* 'रामकली'
* 'गोपूली गफूरन'
 
=== निबंध और संस्मरण ===
Line 100 ⟶ 102:
* [http://www.gadyakosh.org/gk/index.php?title=%E0%A4%B6%E0%A5%88%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%B6_%E0%A4%AE%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80 शैलेश मटियानी] (गद्यकोश)
* [http://www.pravasiduniya.com/authors-son-shailesh-matiani-selling-books-periodically साहित्यकार शैलेश मटियानी के बेटे फेरी लगाकर बेच रहे किताबें] (प्रवासी दुनिया)
 
== सन्दर्भ ==
{{reflist}}
 
{{हिन्दी साहित्यकार (जन्म १९३१-१९४०)}}