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'''डेरियसदारा तृतीय''' (ई.पू. ३३६-३३० ई.पू.) महान हखामजी (Achaemenian) राजवंश का अंतिम प्रसिद्ध राजा हुआ। वह बहादुर और उदार प्रकृति का सुयोग्य व्यक्ति था। लेकिन उसे शांति से राज्य करने और अपनी शासकीय योग्यता दिखाने का अवसर न मिल सका। उसके दुर्भाग्य से मैसीडोनिया और [[यूनान]] की राजशक्ति, [[सिकंदर]] के नेतृत्व में बहुत प्रबल हो चली थी। फलत: दारा तृतीय पारसी साम्राज्य के समस्त साधनों और शक्तियों को बटोरकर भी सिकंदर को आक्रमणों से अपने साम्राज्य को बचाने में समर्थ न हो सका।
 
पारसीकों को अद्भुत यूरोपीय विजेता अलेक्जंडर ने ई.पू. ३३४ में ग्रानिकस (Granicus) के युद्ध में पराजित किया। दूसरे वर्ष ई.पू. ३३३ में इस्सस (Issus) के युद्ध में उसने दारा को बुरी तरह हराकर भागने पर विवश किया। ईरानियों की राजधानी पर्सीपोलिस जला दी गई (३३० ई.पू.)। इस पराजय ने दारा की शक्ति का तोड़कर [[पारसीक साम्राज्य]] की जड़ों को पूरी तरह हिला दिया। दारा ने अपने साम्राज्य को बचाने के लिए सिकंदर से फिर एक विशाल सेना लेकर [[आरवेला]] के पास गॉगमेला में (ई.पू. ३३१) युद्ध किया। इस बार भी वह बुरी तरह पराजित हुआ और उसे भाग जाना पड़ा। भगोड़े दारा को अंत में बैक्ट्रिया के क्षत्रप बेसुस (Bessus) ने मरवा डाला। महान पारसीक राजवंश के अंतिम महान राजा का यह दु:खद अंत था।