"दारा प्रथम": अवतरणों में अंतर

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'''दारा प्रथम''' या({{lang-en|Darius I}}, '''दारयुश'डेरियस प्रथम'', या[[पुरानी फ़ारसी]]: {{lang|peo-Latn|Dārayava(h)uš}}, [[फ़ारसी भाषा|नव फ़ारसी भाषा]]: {{lang|fa|داریوش}} 'दारुश'दरायुस''; या{{lang-he|דָּֽרְיָוֶשׁ}}, 'दारिउस'दारायावेस''; c. 550–486 ईसा पूर्व) प्राचीन ईरान के [[हख़ामनी वंश]] का प्रसिद्ध शासक था जिसे इतिहास में धार्मिक सहिष्णुता तथा अपने शिलालेखों के लिए जाना जाता है। वह फ़ारसी साम्राज्य के संस्थापक [[कुरोश]] (साइरस) के बाद हख़ामनी वंश का सबसे प्रभावशाली शासक माना जाता है। [[कम्बोजिया]] के मरने के बाद ''बरदिया'' नामक [[माग़ी]] ने सिंहासन के लिए दावा किया था। छः अन्य राजपरिवारों के साथ मिलकर उसने बरदिया को मार डाला और इसके बाद उसका राजतिलक हुआ। उसने अपने शासन काल में पश्चिमी ईरान के [[बिसितुन]] में एक शिलालेख खुदवाया था जिसे प्राचीन ईरान के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है।
 
उसके शासन काल में हख़ामनी साम्राज्य [[मिस्र]] से [[सिन्धु नदी]] तक फैल गया था।<ref>http://www.livius.org/be-bm/behistun/behistun-t02.html#1.9-17</ref> उसने यूनान पर कब्जा किया और उत्तर में शकों से भी युद्ध लड़ा। उसने इतने बड़े साम्राज्य में एक समान मुद्रा चलाई और [[आरामाईक]] को राजभाषा करार दिया। उसने पर्सेलोलिस तथा पसरागेड जैसी जगहों पर महत्वपूर्ण निर्माण कार्य भी शुरु करवाया जो सदियों तक हख़ामनी स्थापत्य की पहचान बने रहे।