"लिव वाइगोत्सकी": अवतरणों में अंतर
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==वायगास्की का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धान्त==
वायगास्की ने सन 1924-34 में इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलाजी ([[मास्को]]) में अध्ययन किया। यहां पर उन्होंने [[संज्ञानात्मक विकास]] पर विशेष कार्य किया, विशेषकर [[भाषा]] और [[चिन्तन]] के सम्बन्ध पर। उनके अध्ययन में [[संज्ञान]] के विकास के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कारकों के प्रभाव का वर्णन किया गया है। वायगास्की के अनुसार भाषा समाज द्वारा दिया गया प्रमुख सांकेतिक उपकरण है जो कि बालक के विकास में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
जिस प्रकार हम [[जल]] के [[अणु]] का अध्ययन उसके भागों (H & O) के द्वारा नहीं कर सकते, उसी प्रकार व्यक्ति का अध्ययन भी उसके वातावरण से पृथक होकर नही किया जा सकता। व्यक्ति का उसके सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राजनैतिक सन्दर्भ में अध्ययन ही हमें उसकी समग्र जानकारी प्रदान करता है। वायगास्की ने संज्ञानात्मक विकास के अध्ययन के दौरान [[ज़ाँ प्याज़े|प्याजे]] का अध्ययन किया और फिर अपना दृष्टिकोण विकसित किया।
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