"तैमूरलंग": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 2405:205:331F:FAB5:7CE7:487B:FEE3:467C (Talk) के संपादनों को हटाकर Rashkeqamar...
टैग: वापस लिया
पंक्ति 34:
दूसरे दिन तैमूर ने दिल्ली नगर में प्रवेश किया। पाँच दिनों तक सारा शहर बुरी तरह से लूटा-खसोटा गया और उसके अभागे निवासियों को बेभाव कत्ल किया गया या बंदी बनाया गया। पीढ़ियों से संचित दिल्ली की दौलत तैमूर लूटकर समरकंद ले गया। अनेक बंदी बनाई गई औरतों और शिल्पियों को भी तैमूर अपने साथ ले गया। भारत से जो कारीगर वह अपने साथ ले गया उनसे उसने समरकंद में अनेक इमारतें बनवाईं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध उसकी स्वनियोजित जामा मस्जिद है।
 
तैमूर भारत में केवल लूट के लिये आया था। उसकी इच्छा भारत में रहकर राज्य करने की नहीं थी। अत: 15 दिन दिल्ली में रुकने के बाद वह स्वदेश के लिये रवाना हो गया। 9 जनवरी 1399 को तैमूर मेरठ पहुंचा जहां उसका युद्ध क्षत्री वीरोंजाटवीरों से हुआ यहां से भागकर वह हरिद्वार पहुंचा जहाँ जाटो की महादेवखाप सेना ने उसे फिर घेर लिया एक भीषण युद्ध हुआ।<ref>https://m.patrika.com/news/noida/jats-army-defeated-taimur-lang-or-tamerlane-in-meerut-and-haridwar-news-hindi-1471493</ref>हरियाणा के एक वीर अहिरहरवीर गुलिया ने उसको भाला मारा और तैमूर घोड़े से गिर गया बाद में उसकी सेना उसे उठाकर भाग खड़ी हुई।<ref>https://m.patrika.com/news/noida/jats-army-defeated-taimur-lang-or-tamerlane-in-meerut-and-haridwar-news-hindi-1471493</ref>वह सीधे न जाकर उसे जहाँ रास्ता मिला उसी और भाग खड़ा हुआ, वह [[शिवालिक]] पहाड़ियों से होकर वह 16 जनवरी को [[कांगड़ा]] से होकर जम्मू की तरफ से तबाही करते हुए भाग गया<ref>https://m.patrika.com/news/noida/jats-army-defeated-taimur-lang-or-tamerlane-in-meerut-and-haridwar-news-hindi-1471493</ref>। इस प्रकार भारत के जीवन, धन और संपत्ति को अपार क्षति पहुँचाने के बाद 19 मार्च 1399 को पुन: सिंधु नदी को पार कर वह भारतभूमि से अपने देश को लौट गया।
 
भारत से लौटने के बाद तैमूर से सन्‌ 1400 में [[अनातोलिया]] पर आक्रमण किया और 1402 में [[अंगोरा का युद्ध|अंगोरा के युद्ध]] में ऑटोमन तुर्कों को बुरी तरह से पराजित किया। सन्‌ 1405 में जब वह [[चीन]] की विजय की योजना बनाने में लगा था, उसकी मृत्यु हो गई।