"सोयाबीन": अवतरणों में अंतर

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== सोयाबीन की खेती ==
=== भूमि का चुनाव एवं तैयारी ===
सोयाबीन की खेती अधिक हल्‍कीरेतीली व हल्‍की भूमि को छोड्कर सभी प्रकार की भूमि में सफलतापूर्वक की जा सकती है परन्‍तु पानी के निकास वाली चिकनी दोमट भूमि सोयाबीन के लिए अधिक उपयुक्‍त होती है। जहां भी खेत में पानी रूकता हो वहां सोयाबीन ना
लें।
 
ग्रीष्‍म कालीन जुताई 3 वर्ष में कम से कम एक बार अवश्‍य करनी चाहिए। वर्षा प्रारम्‍भ होने पर 2 या 3 बार बखर तथा पाटा चलाकर खेत को तैयार कर लेना चाहिए। इससे हानि पहॅचाने वाले कीटों की सभी अवस्‍थाएं नष्‍ट होगीं। ढेला रहित और भूरभुरी मिटटी वाले खेत सोयाबीन के लिए उत्‍तम होते होते हैं। खेत में पानी भरने से सोयाबीन की फसल पर प्रि‍तकूल प्रभाव पड्ता है अत: अधिधक उत्‍पादन के लिलए खेत में जल निकास की व्‍यवस्‍था करना आवश्‍यक होता है। जहां तक संभव हो आखरी बखरनी एवं पाटा समय से करें जिससे अंकुरित [[खरपतवार]] नष्‍ट हो सके। यथा संभव मेंड् और कूड् रिज एवं फरो बनाकर सोयाबीन बोएं।