"माहिष्मती": अवतरणों में अंतर

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'''माहिष्मती''' ([[अंग्रेजी]]; Mahishmati) प्राचीन भारत की एक नगरी थी जिसका उल्लेख [[महाभारत]] तथा [[दीर्घनिकाय]] सहित अनेक ग्रन्थों में हुआ है। [[अवन्ति महाजनपद]] के दक्षिणी भाग में यह सबसे महत्वपूर्ण नगरी थी। बाद में यह [[अनूप महाजनपद]] की [[राजधानी]] भी रही। यह नगरी वर्तमान समय के [[मध्य प्रदेश]] में [[नर्मदा नदी]] के तट पर स्थित महेश्वर नगर और उसके आस पास के क्षेत्र तक फ़ैली है कहा जाता है कि यह नगरी १४ योजन की होकर पांडव कालीन शिव मंदिर वाला गाँव चोली(तहसील महेश्वर, जिला खरगोन,मध्यप्रदेश) तक फ़ैली हुई थी | महेश्वर के समीप ही , नर्मदा नदी के तट पर स्थित नगर मंडलेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य और मंडन मिश्र के मध्य विश्व प्रसिद्द शास्त्रार्थ हुआ था | उक्त स्थान वर्तमान में छप्पन देव मंदिर कहलाता है |
==पहचान==
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