"देवरहा बाबा": अवतरणों में अंतर

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[[श्रेणी:हिंदू संत]]
[[श्रेणी:मथुरा]] एक बार हमारे स्वर्गीय ब्रह्मचारी महाराज एक भक्त को देवरहवा बाबा के पास अपनी दुःख व्यथा कहने के लिए भेजा जिन्हें काफी प्रयासो के बाद नौकरी नही मिल रही थी ,बाबा के आश्रम पर पहुचने पर जब वो बाबा के मचान के पास पहुचे तो बाबा ने कहाँ कि कहो गुलाबदत्त कैसे हो ?ब्रह्मचारी जी का संदेशा हमे मिल गया है आज शाम तक यही ठहरो ।गुलाब दत्त तिवारी जी ने शाम तक प्रतीक्षा की ,शाम के समय एक रेलवे के बड़े अफसर का आगमन हुआ और महाराज को दंडवत करते हुआ पूछा महाराज मुझे लगा की कोई शक्ति मुझे आपसे मिलने का आदेश दे रही है सो मिलने चला आया ।महाराज ने ऊँगली से गुलाबदत्त जी की ओर इशारा किया अफसर तुरंत समझ गया और पुनः महाराज से आज्ञा लेकर तिवारी जी को अपने वाहन में बैठा फ़ैजाबाद ले आया।उस समय रेलवे पुलिस बल की भर्ती हो रही थी और उसी भर्ती में इनका चयन कराया ।
[[श्रेणी:मथुरा]]
गुलाबदत्त तिवारी जी की अंतिम ड्यूटी का स्थान गोरखपुर रहा और आज वो सेवा अवधि पूर्ण कर गोरखपुर के मेडिकल रोड पर अपने परिवार के साथ निवास कर रहे है।