"तापदीप्त लैम्प": अवतरणों में अंतर
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'''तापदीप्त लैम्प''' या '''इन्कैंडिसेंट लैम्प''' (incandescent lamp) को बोलचाल में '''बल्ब''' कहते हैं। यह [[तापदीप्ति]] के द्वारा प्रकाश उत्पन्न करता है। गरम होने के कारण [[प्रकाश]] का उत्सर्जन, तापदीप्ति (incandescence) कहलाता है। इसमें एक पतला फिलामेन्ट (तार) होता है जिससे होकर जब [[धारा]] बहती है तब यह गरम होकर प्रकाश देने लगता है। फिलामेन्ट को काँच के बल्ब के अन्दर इसलिये रखा जाता है ताकि अति तप्त फिलामेन्ट तक [[वायुमण्डल|वायुमण्डलीय]] [[आक्सीजन]] न पहुँच पाये और इस तरह क्रिया करके फिलामेन्ट को कमजोर न कर सके।
== विशेषताएँ ==
उद्दीप्त दीपक विभिन्न आकार, वोल्टता और [[शक्ति]] के बनाये जाते हैं। १.५ वोल्ट (टार्च का बल्ब) से लेकर ३०० वोल्ट के बल्ब आसानी से उपलब्ध हैं। इसी तरह १ वाट से लेकर हजारों वाट के बल्ब बनते हैं। उद्देप्त बल्बों की विशेषता है कि इनके निर्माण का खर्च बहुत कम होता है; बिना किसी अतिरिक्त ताम-झाम के इन्हें सीधे उचित वोल्टता से जोड़कर चलाया जाता है; ये [[एसी]] और [[डीसी]] दोनो से काम करते हैं। इन कारणों से प्राय: घरों में यही लैम्प उपयोग किया जाता रहा है। किन्तु इसकी प्रकाशिक दक्षता कम है अर्थात समान प्रकाश पैदा करने के लिये यह अपेक्षाकृत अधिक बिजली लेता है। इस कारण धीरे-धीरे अन्य प्रकाश स्रोतों (जैसे सीएफएल) का प्रचलबढ़ रहा है और इसका प्रचलन कम हो रहा है।
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