"उर्दू भाषा": अवतरणों में अंतर

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'''उर्दू भाषा''' [[हिन्द आर्य]] भाषा है। उर्दू भाषा [[हिन्दुस्तानी भाषा]] की एक मानकीकृत रूप हैमानी जिसमेंजाती है। उर्दू में [[संस्कृत]] के [[तत्सम]] शब्द कमन्यून हैं और [[अरबी भाषा|अरबी]]<nowiki/>-[[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] और [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] से तद्भव शब्द ज़्यादाअधिक हैं। ये मुख्यतः [[दक्षिण एशिया]] में बोली जाती है। यह भारत की सरकारीशासकीय भाषाओं में से एक है , तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। <ref>http://www.ethnologue.com/language/urd</ref> इस के अतिरिक्त भारत के राज्य [[तेलंगाना]], [[दिल्ली]], [[बिहार]]<ref name="Language in India—Urdu">{{cite web|url=http://www.languageinindia.com/feb2003/urduinbihar.html| title = Urdu in Bihar|publisher = Language in India|accessdate = 17 मई 2008}}</ref> और [[उत्तर प्रदेश]] की अतिरिक्त सरकारीशासकीय <ref>{{cite web |url=http://nclm.nic.in/shared/linkimages/NCLM50thReport.pdf |title= Report of the Commissioner for linguistic minorities: 50th report (July 2012 to June 2013) |publisher=Commissioner for Linguistic Minorities, Ministry of Minority Affairs, Government of India |format=PDF| accessdate=12 जुलाई 2017}}</ref>भाषा है।
 
=='उर्दू' शब्द की व्युत्पत्ति==
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==साहित्य==
उर्दू में साहित्य का मैदानप्रांगण विशाल है। [[अमीर खुसरो]] उर्दू के आद्यकाल के कवियों में एक हैं। उर्दू-साहित्य के इतिहासकार [[वली औरंगाबादी]] (रचनाकाल 1700 ई. के बाद) के द्वारा उर्दू साहित्य में क्रान्तिकारक रचनाओं का आरंभ हुआ। शाहजहाँ ने अपनी राजधानी, आगरा के स्थान पर, [[दिल्ली]] बनाई और अपने नाम पर सन् 1648 ई. में 'शाहजहाँनाबाद' आबाद कियावसाया, लालकिला बनाया। ऐसा मालूमप्रतीत होता है कि इसके बाद सेपश्चात राजदरबारों में [[फ़ारसी]] के साथ-साथ 'जबाने-उर्दू-ए-मुअल्ला' में भी रचनाएँ तेज़तीव्र होने लगीं। यह प्रमाण मिलता है कि शाहजहाँ के समय में [[पंडित चन्द्रभान बिरहमन]] ने बाज़ारों में बोली जाने वाली इस जनभाषा को आधार बनाकर रचनाएँ कीं। ये फ़ारसी लिपि जानते थे। अपनी रचनाओं को इन्होंने फ़ारसी लिपि में लिखा। धीरे-धीरे दिल्ली के शाहजहाँनाबाद की उर्दू-ए-मुअल्ला का महत्त्व बढ़ने लगा।
 
उर्दू के कवि [[मीर तकी "मीर"|मीर]] साहब (1712-181. ई.) ने एक जगह लिखा है-
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:''उर्दू-ए-मोअल्ला शाहजहाँनाबाद देहली।''
 
भाषा तथा लिपि का भेद रहा है क्योंकि बादशाही दरबारोंराज्यसभाओं की भाषा फ़ारसी थी तथा लिपि भी फ़ारसी थी। उन्होंने अपनी रचनाओं को जनता तक पहुँचाने के लिए भाषा तो जनता की अपना ली, लेकिन उन्हें फ़ारसी लिपि में लिखते रहे।
 
== व्याकरण ==
उर्दू भाषा का व्याकरण पूर्णतः हिन्दी भाषा के व्याकरण पर आधारित है तथा यह अनेक भारतीय भाषाओं से मेल खाता है।
 
== लिपि ==