"जैन धर्म में भगवान": अवतरणों में अंतर

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== पूजा ==
जैनों द्वारा इन वीतरागी भगवानो की पूजा किसी उपकार या उपहार के लिए नहीं की जाती। वीतरागी भगवान की पूजा कर्मों को क्षय करने और भगवंता प्राप्त करने के लिए की जाती है।व्यवहार से जैन धर्म में परमेष्ठी की पूजा बताई है परंतु निश्चय से आत्मा की आराधना(साधना) ही यथार्थ पूजा है।
 
==इन्हें भी देखें==