"अपवर्तनांक": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Refraction at interface.svg|right|thumb|300px|एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर प्रकाश की
[[चित्र:Snells law wavefronts.gif|thumb|300px|किसी बिन्दु से निकलने वाले वेवफ्रॉण्ट जब कम अपवर्तनांक वाले माध्यम से अधिक अपवर्तनांक वाले माध्यम में प्रवेश करते हैं तो उनमें परिवर्तन होता है। ऊपर वाले वेवफ्रॉण्ट पूर्णतः वृत्ताकार हैं जबकि नीचे वाले वृत्ताकार न होकर लगभग अतिपरवलय के आकार के हैं।]]
किसी माध्यम (जैसे जल, हवा, कांच आदि) का '''अपवर्तनांक''' (रिफ्रैक्टिव इण्डेक्स) वह संख्या है जो बताती है कि उस माध्यम में [[विद्युतचुम्बकीय तरंग]] (जैसे [[प्रकाश]]) की चाल किसी अन्य माध्यम की अपेक्षा कितने गुना कम या अधिक है। यदि प्रकाश के सन्दर्भ में बात करें तो सोडा-लाइम कांच का अपवर्तनांक लगभग 1.5 है जिसका अर्थ यह है कि कांच में प्रकाश की चाल [[निर्वात]] में प्रकाश की चाल की अपेक्षा 1.5 गुना कम अर्थात (1/1.5 = 2/3) हो जाता है।
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