"पालि भाषा का साहित्य": अवतरणों में अंतर

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==== विनयपिटक ====
अपने नामानुसार विनयपिटक का विषय भिक्षुओं के पालने योग्य सदाचार के नियम उपस्थित करना है। इसके तीन अवांतर विभाग हैं - सुत्तविभंग, खंधक और परिवार। सुत्तविभंग के पुन: दो उपविभाग हैं - महावग्ग और चुल्लवग्ग। इस प्रकार अपने इन उपविभागों की अपेक्षा विनयपिटक पाँच भागों में विभक्त है।है
 
==== सुत्तपिटक ====