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[[चित्र:CID TV Serial Team.jpg|120px|सीआईडी (धारावाहिक)|link=सीआईडी (धारावाहिक)]]</div>
[[Image:Shiva Temple, Bhojpur 01.jpg|120px|भोजेश्वर मंदिर]]</div>
'''''सीआईडी''''' [[सोनी एंटरटेनमैंट टेलीविजन (भारत)|सोनी]] चैनल पर प्रसारित होने वाला [[हिन्दी]] भाषा का एक [[टेलिविज़न और रेडियो धारावाहिक|धारावाहिक]] है, जिसे [[भारत]] का सबसे लंबा चलने वाला धारावाहिक होने का श्रेय प्राप्त है। अपराध व जासूसी शैली पर आधारित इस धारावाहिक में [[शिवाजी साटम]], [[दयानन्द शेट्टी]] और [[आदित्य श्रीवास्तव]] मुख्य किरदार निभा रहे हैं। इसके सर्जक, निर्देशक और लेखक [[बृजेन्द्र पाल सिंह]] हैं। इसका निर्माण [[फायरवर्क्स]] नामक कंपनी ने किया है जिसके संस्थापक बृजेन्द्र पाल सिंह और [[प्रदीप उपूर]] हैं। २१ जनवरी १९९८ से शुरु होकर यह धारावाहिक अब तक लगातार चल रहा है। इसका प्रसारण प्रत्येक शनिवार और रविवार को रात १० बजे होता है। इसका पुनः प्रसारण [[सोनी पल]] चैनल पर रात ९ बजे होता है जिसमें इसके पुराने प्रकरण दिखाये जाते हैं। इस धारावाहिक ने २१ जनवरी २०१८ को अपने प्रसारण के २० वर्ष पूर्ण किये और २१वें वर्ष में प्रवेश किया। इससे पहले, २७ सितम्बर २०१३ को इस धारावाहिक ने अपनी १०००वीं कड़ी पूरी की। इस धारावाहिक को कई अन्य भाषाओं में भी भाषांतरित किया गया है। ('''[[सीआईडी (धारावाहिक)|विस्तार से पढ़ें...]]''')
'''भोजेश्वर मन्दिर''' [[मध्य प्रदेश]] की राजधानी [[भोपाल]] से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित [[भोजपुर, मध्य प्रदेश|भोजपुर]] नामक गांव में बना एक मन्दिर है। यह मन्दिर [[बेतवा नदी]] के तट पर [[विन्ध्याचल पर्वत शृंखला|विन्ध्य पर्वतमालाओं]] के मध्य एक पहाड़ी पर स्थित है। मन्दिर का निर्माण एवं इसके [[शिवलिंग]] की स्थापना, [[धार]] के प्रसिद्ध [[परमार भोज|परमार राजा भोज]] ने करवायी थी। उनके नाम पर ही इसे भोजपुर मन्दिर या भोजेश्वर मन्दिर भी कहा जाता है, हालाँकि कुछ किंवदंतियों के अनुसार इस स्थल के मूल मन्दिर की स्थापना [[पांडव|पाँडवों]] द्वारा की गई मानी जाती है। इसे [[उत्तर भारत]] का [[सोमनाथ]] भी कहा जाता है। यहाँ के शिलालेखों से [[११वीं शताब्दी|11वीं शताब्दी]] के हिन्दू मन्दिर निर्माण की [[हिन्दू मन्दिर स्थापत्य|स्थापत्य कला]] का ज्ञान होता है। इस अपूर्ण मन्दिर की वृहत कार्य योजना को निकटवर्ती पाषाण शिलाओं पर उकेरा गया है। इन मानचित्र आरेखों के अनुसार यहाँ एक वृहत मन्दिर परिसर बनाने की योजना थी, जिसमें ढेरों अन्य मन्दिर भी बनाये जाने थे। इसके सफ़लतापूर्वक सम्पन्न हो जाने पर ये मन्दिर परिसर भारत के सबसे बड़े मन्दिर परिसरों में से एक होता। मन्दिर परिसर को [[भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग]] द्वारा [[भारत के राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सूची|राष्ट्रीय महत्त्व का स्मारक]] चिह्नित किया गया है व इसका पुनरुद्धार कार्य कर इसे फिर से वही रूप देने का सफ़ल प्रयास किया है। ('''[[भोजेश्वर मन्दिर|विस्तार से पढ़ें...]]''')
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