"वसन्त पञ्चमी": अवतरणों में अंतर

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दंडकारण्य का वह क्षेत्र इन दिनों गुजरात और मध्य प्रदेश में फैला है। गुजरात के डांग जिले में वह स्थान है जहां शबरी मां का आश्रम था। वसंत पंचमी के दिन ही रामचंद्र जी वहां आये थे। उस क्षेत्र के वनवासी आज भी एक शिला को पूजते हैं, जिसके बारे में उनकी श्रध्दा है कि श्रीराम आकर यहीं बैठे थे। वहां शबरी माता का मंदिर भी है।
=== ऐतिहासिक महत्व ===
वसंत पंचमी का दिन हमें '''[[पृथ्वीराज चौहान]]''' की भी याद दिलाता है। उन्होंने विदेशी हमलावर [[मोहम्मद गौरीग़ोरी]] को 16 बार पराजित किया और उदारता दिखाते हुए हर बार जीवित छोड़ दिया, पर जब सत्रहवीं बार वे पराजित हुए, तो [[मोहम्मद गौरीग़ोरी]] ने उन्हें नहीं छोड़ा। वह उन्हें अपने साथ [[अफगानिस्तान]] ले गया और उनकी आंखें फोड़ दीं।
 
इसके बाद की घटना तो जगप्रसिद्ध ही है। गौरी[[मोहम्मद ग़ोरी]] ने मृत्युदंड देने से पूर्व उनके शब्दभेदी बाण का कमाल देखना चाहा। पृथ्वीराज के साथी कवि चंदबरदाई के परामर्श पर गौरीग़ोरी ने ऊंचे स्थान पर बैठकर तवे पर चोट मारकर संकेत किया। तभी चंदबरदाई ने पृथ्वीराज को संदेश दिया।
 
:'''चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण।'''
:'''ता ऊपर सुल्तान है, मत चूको चौहान ॥'''
 
पृथ्वीराज चौहान ने इस बार भूल नहीं की। उन्होंने तवे पर हुई चोट और [[चंदबरदाई]] के संकेत से अनुमान लगाकर जो बाण मारा, वह गौरी[[मोहम्मद ग़ोरी]] के सीने में जा धंसा। इसके बाद चंदबरदाई और पृथ्वीराज ने भी एक दूसरे के पेट में छुरा भौंककर आत्मबलिदान दे दिया। (1192 ई) यह घटना भी वसंत पंचमी वाले दिन ही हुई थी।
 
वसंत पंचमी का [[लाहौर]] निवासी '''[[हकीकत राय|वीर हकीकत]]''' से भी गहरा संबंध है। एक दिन जब मुल्ला जी किसी काम से विद्यालय छोड़कर चले गये, तो सब बच्चे खेलने लगे, पर वह पढ़ता रहा। जब अन्य बच्चों ने उसे छेड़ा, तो दुर्गा मां की सौगंध दी। मुस्लिम बालकों ने दुर्गा मां की हंसी उड़ाई। हकीकत ने कहा कि यदि में तुम्हारी बीबी फातिमा के बारे में कुछ कहूं, तो तुम्हें कैसा लगेगा?