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| footnote3 = According to legend, Japan was founded on this date by the [[Emperor Jimmu]], first emperor of Japan; it is seen as largely symbolic.
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'''जापान''' वा उदयवर्ष, [[एशिया]] [[महाद्वीप]] में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि [[प्रशांत महासागर]] में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी [[चीन]], [[कोरिया]] तथा [[रूस]] हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी ०.५% कोरियाई, ०.४% चाइनीज तथा ०.६% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पन कहते हैं, जिसका मतलब ''सूर्यनिकाससूर्योदय'' है। जापान की राजधानी [[टोक्यो]] है और उसके अन्य बड़े महानगर [[योकोहामा]], [[ओसाका]] और [[क्योटो]] हैं। [[बौद्ध धर्म]] देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में '''९६%''' बौद्ध अनुयायी है।<ref>http://buddhaweekly.com/buddhism-now-2nd-largest-spiritual-path-1-6-billion-22-worlds-population-according-recent-studies/</ref><ref>https://books.google.co.in/books?id=4JMJP27VasMC&pg=PA159&lpg=PA159&dq=96%25+buddhist+population+in+japan&source=bl&ots=9_7tRpn9v4&sig=R6lv0GCO6hBS-bPsxQZubW4tptM&hl=en&sa=X&redir_esc=y#v=onepage&q=96%25%20buddhist%20population%20in%20japan&f=false</ref>
 
== इतिहास ==
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=== प्राचीन काल ===
जापान का प्रथम लिखित साक्ष्य ५७ ईस्वी के एक चीनी लेख से मिलता है। इसमें एक ऐसे राजनीतिज्ञ के चीन दौरे का वर्णन है, जो ''पूर्व के किसी द्वीप'' से आया था। धीरे-धीरे दोनों देशों के बीच राजनैतिक और सांस्कृतिक सम्बंध स्थापित हुए। उस समय जापानी एक बहुदैविक धर्म का पालन करते थे, जिसमें कई [[देवता]] हुआ करते थे। छठी शताब्दी में चीन से होकर बौद्ध धर्म जापान पहुंचा। इसके बाद पुराने धर्म को ''[[शिंतो]]'' की संज्ञा दी गई जिसका शाब्दिक अर्थ होता है - ''देवताओं का पंथ''। बौद्ध धर्म ने पुरानी मान्यताओं को खत्म नहीं किया पर मुख्य धर्म बौद्ध ही बना रहा। चीन से बौद्ध धर्म का आगमानआगमन उसी प्रकार हुआ जिस प्रकार लोग, लिखने की प्रणाली (लिपि) तथा मंदिरो का सांस्कृतिक तथा शैक्षणिक कार्यों के लिए उपयोग।{{cn|date=2016}}
 
शिंतो मान्यताओं के अनुसार जब कोई राजा मरता है तो उसके बाद का शासक अपना राजधानी पहले से किसी अलग स्थान पर बनाएगा। बौद्ध धर्म के आगमन के बाद इस मान्यता को त्याग दिया गया। ७१० ईस्वी में राजा ने ''नॉरा'' नामक एक शहर में अपनी स्थायी राजधानी बनाई। शताब्दी के अन्त तक इसे ''हाइरा'' नामक नगर में स्थानान्तरित कर दिया गया जिसे बाद में [[क्योटो]] का नाम दिया गया। सन् ९१० में जापानी शासक फूजीवारा ने अपने आप को जापान की राजनैतिक शक्ति से अलग कर लिया। इसके बाद तक जापान की [[सत्ता]] का प्रमुख राजनैतिक रूप से जापान से अलग रहा। यह अपने समकालीन भारतीय, यूरोपी तथा इस्लामी क्षेत्रों से पूरी तरह भिन्न था जहाँ सत्ता का प्रमुख ही [[शक्ति]] का प्रमुख भी होता था। इस वंश का शासन ग्यारहवीं शताब्दी के अन्त तक रहा। कई लोगों की नजर में यह काल जापानी सभ्यता का स्वर्णकाल था। चीन से सम्पर्क क्षीण पड़ता गया और जापान ने अपना खुद की पहचान बनाई। दसवी सदी में बौद्ध धर्म का मार्ग अपनाया। इसके बाद से जापान ने अपने आप को एक आर्थिक शक्ति के रूप में सुदृढ़ किया और अभी तकनीकी क्षेत्रों में उसका नाम अग्रणी राष्ट्रों में गिना जाता है।{{cn|date=2016}}
"https://hi.wikipedia.org/wiki/जापान" से प्राप्त