"कलिंग युद्ध": अवतरणों में अंतर

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[[File:Chandragupta_Maurya_Empire.png|thumb|right|300px|कलिंग युद्ध से पहले [[मौर्य साम्राज्य]] का विस्तार]]
[[चित्र:Kalinga battlefield daya river dhauli hills.jpg|thumb|right|300px||[[दया नदी]] का तट, जहाँ सम्भवतः कलिंग युद्ध हुआ था।]]
[[सम्राट अशोक|अशोक]] के तेरहवें [[अभिलेख]] के अनुसार उसने अपने राज्याभिषेक के आठ वर्ष बाद '''कलिङ्गकलिंग युद्ध''' लड़ा। कलिङ्गकलिंग विजय उसकी आखिरी विजय थी। यह युद्ध २६२-२६१ ईपू मे लड़ा गया।
 
== युद्ध के कारण ==
१-कलिङ्गकलिंग पर विजय प्राप्त अशोक अपने साम्राज्य मे विस्तार करना चाहता था।
 
२-सामरिक दृष्टि से देखा जाए तो भी कलिङ्गकलिंग बहुत महत्वपूर्ण था। स्थल और समुद्र दोनो मार्गो से दक्षिण भारत को जाने वाले मार्गो पर कलिङ्गकलिंग का नियन्त्रण था।
 
३-यहाँ से दक्षिण-पूर्वी देशो से आसानी से सम्बन्ध बनाए जा सकते थे।
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७-उसने दूसरे देशो से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध बनाए।
 
८-कलिङ्गकलिंग युद्ध मौर्य साम्राज्य के पतन का कारण बना। अहिंसा की नीति के कारण उसके सैनिक युद्ध कला मे पिछड़ने लगे। परिणामस्वरूप धीरे-धीरे उसका पतन आरम्भ हो गया।
तथा अशोक की मृत्यु के ५० वर्ष के भीतर ही मौर्य वंश का पतन हो गया