"कामशास्त्र": अवतरणों में अंतर
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'''अन्य प्रकाशित कामशास्त्रीय ग्रन्थ'''
*(क) '''नागरसर्वस्व (पद्मश्रीज्ञान कृत)''':- कलामर्मज्ञ ब्राह्मण विद्वान वासुदेव से संप्रेरित होकर बौद्धभिक्षु पद्मश्रीज्ञान इस ग्रन्थ का प्रणयन किया था। यह ग्रन्थ ३१३ श्लोकों एवं ३८ परिच्छेदों में निबद्ध है। यह ग्रन्थ [[दामोदर गुप्त]] के "[[कुट्टनीमत]]" का निर्देश करता है और "नाटकलक्षणरत्नकोश" एवं "
*(ख) '''अंनंगरंग (कल्याणमल्ल कृत)''':- मुस्लिम शासक लोदीवंशावतंश अहमदखान के पुत्र लाडखान के कुतूहलार्थ भूपमुनि के रूप में प्रसिद्ध कलाविदग्ध '''कल्याणमल्ल''' ने इस ग्रन्थ का प्रणयन किया था। यह ग्रन्थ ४२० श्लोकों एवं १० स्थलरूप अध्यायों में निबद्ध है।
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| [[कौतुकमंजरी]]
| Die Wunderknospe
| unbekannter Autor
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| 20.
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| यशोधर इन्द्रपाद
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| व्यासजनार्दन
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| अनंगरंग
| 17.
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| [[
| Fünf Pfeile (des Liebes Gottes)
| Maithila Jyotrishvara Kavishekhara (auch Jyotirîshvara, Jyotirisha, Jyotirishvar, Jyotirisvara)
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| 18./19.
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| [[रतिमंजरीi]]
| Blumenstrauß der Liebeslust
| Jayadeva (auch Jaydev)
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| Das Bouquet der sexuellen Vergnügungen
| Saint Akbar Shah
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* डॉ॰ संकर्षण त्रिपाठी का आलेख – '''संस्कृत
* [http://www.sanskritworld.in/index/listview/category_id/kamashastra कामसूत्र,
*[https://books.google.co.in/books?id=lZLVvOq3juEC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद] (हजारी प्रसाद द्विवेदी)
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