"खंड-६": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो हलान्त शब्द की पारम्परिक वर्तनी को आधुनिक वर्तनी से बदला। |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: आंशिक वर्तनी सुधार। |
||
पंक्ति 120:
परशुराम ने कहा-'कर्ण! तू बेध नहीं मुझको ऐसे,
तुझे पता क्या सता रहा है मुझको
पर, तूने छल किया, दण्ड उसका, अवश्य ही पायेगा,
|