"चक्रवाल विधि": अवतरणों में अंतर

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अपने [[बीजगणित]] नामक ग्रन्थ में [[भास्कराचार्य]] ने चक्रवाल विधि का वर्णन इस प्रकार किया है-
: ''ह्रस्वज्येष्ठपदक्षेपान् भाज्यप्रक्षेपभाजकान्भाज्यप्रक्षेपभाजकान्।
: ''कृत्वा कल्प्यो गुणस्तत्र तथा प्रकृतितश्च्युते॥
: ''गुणलब्धिः पदं ह्रस्वं ततो ज्येष्ठतमोऽसकृत्।