"चन्द्रशेखर वेंकटरमन": अवतरणों में अंतर

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[[१९४८]] में सेवानिवृति के बाद उन्होंने [[रामन अनुसन्धान संस्थान|रामन् शोध संस्थान]] की [[बैंगलोर]] में स्थापना की और इसी संस्थान में शोधरत रहे। [[१९५४]] ई. में भारत सरकार द्वारा [[भारत रत्न]] की उपाधि से विभूषित किया गया। आपको [[१९५७]] में लेनिन शान्ति पुरस्कार भी प्रदान किया था।
 
[[२८ फरवरी]] [[१९२८]] को चन्द्रशेखर वेङ्कटवेंकट रामन् ने रामन प्रभाव की खोज की थी जिसकी याद में [[भारत]] में इस दिन को प्रत्येक वर्ष '[[राष्ट्रीय विज्ञान दिवस]]' के रूप में मनाया जाता है।
 
== सन्दर्भ ==