"जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय": अवतरणों में अंतर

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|native_name =
|image_name = Jagadguru_Ramanandacharya_Rajasthan_Sanskrit_University_Logo.jpg
|motto = ''ऋतञ्चऋतंच स्वाध्याय प्रवचने च''
|established = 2001
|chancellor = [[कल्याण सिंह]] (राजस्थान के राज्यपाल)
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'''जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय''' [[राजस्थान]] के [[जयपुर]] में स्थित एक सार्वजनिक [[विश्वविद्यालय]] है। पहले इसका नाम' राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय' था।
 
सम्पूर्ण संस्कृत वाङ्मयवांमय के साङ्गोपाङ्गसांगोपांग अध्ययन और अध्यापन का संचालन करने, सतत विशेषज्ञीय अनुसंधान और उससे आनुषंगिक अन्य विषयों की व्यवस्था करने तथा संस्कृत वाङ्मयवांमय में निहित ज्ञान-विज्ञान की अनुसंधान पर आधारित सरल वैज्ञानिक पद्धति से व्यावहारिक व्याख्या प्रस्तुत करने के साथ ही अन्य महत्त्वपूर्ण अनुसंधानों के परिणामों और उपलब्धियों को प्रकाश में लाने के उद्देश्य से [[राजस्थान]] राज्य में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम 1998 (1998 का अधिनियम 10) की अनुमति महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा दिनांक 2-9-1998 को दीगई। दिनांक 6 फ़रवरी 2001 को '''राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय''' ने मूर्त्त रूप लिया जिसके प्रथम कुलपति पद्मश्री डॉ॰[[मण्डन मिश्र]] नियुक्त किये गये। उपशासन सचिव, शिक्षा (ग्रुप - 6) द्वारा जारी आदेश क्र.प.(1) शिक्षा - 6/2000 दिनांक 27-06-2005 के अनुसार दिनांक 27-06-2005 से विश्वविद्यालय का नाम [[जगद्गुरू रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय]], जयपुर कर दिया गया है।
 
== प्रमुख उद्देश्य ==
यह था कि चूंकि अनादिकाल से भारत देश ज्ञानोपासना का केन्द्र रहा है और यह शाब्दी साधना ऋषियों के अनहद में मुखरित होती हुई साक्षात् श्रुति-स्वरूप में इस धरा पर अवतीर्ण हुई। संस्कृत के इस विशाल वाङ्मयवांमय की कालजयिता का यही रहस्य है कि सहस्त्राब्दियों से गुरुकुलों और ऋषिकुलों आदि में इसका अध्यापन होता रहा। इस गुरुशिष्य-परम्परा को सुनियोजित रूप देते हुए संस्कृत के अनेक अध्ययन केन्द्र देश भर में चलते रहे उसी परम्परा में ही 20 वीं सदी में अनेक संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित हुए। उत्तरप्रदेश, बिहार, उड़ीसा, केरल, आंध्रप्रदेश आदि में संस्कृत विश्वविद्यालय विगत कई वर्षों से चल रहे थे। इसी क्रम में राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु वर्षों से चल रहा प्रयास वर्ष 2001 में सफल हुआ।
 
== मुख्य लक्ष्य ==
 
* विभिन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से संस्कृत वाङ्मयवांमय के ज्ञान की शिक्षा देना।
* संस्कृत वाङ्मयवांमय और उसकी विभिन्न शाखाओं में अनुसंधान कार्य आरम्भ करना और उसका अभिवर्धन करना।
* संस्कृत वाङ्मयवांमय में विस्तारी शिक्षा - कार्यक्रम हाथ में लेना।
* संस्कृत महाविद्यालय के अध्यापकों को, उनके ज्ञान को अद्यतन करने के लिए प्रशिक्षण देना।
* शिक्षण - रीति - विज्ञान और शिक्षण-शास्त्र के अध्यापन में विशेषतः परिकल्पित अभिसंस्करण कार्यक्रम आयोजित करना।