"जैन धर्म में भगवान": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: आंशिक वर्तनी सुधार। |
||
पंक्ति 14:
:क्षुत्पिपासाजराजरातक्ड जन्मान्तकभयस्मयाः।
:न रागद्वेषमोहाश्च यस्याप्तः स
भूक, प्यास, बुढापा, रोग, जन्म, मरण, भय, घमण्ड, राग, द्वेष, मोह, निद्रा, पसीना आदि २८ दोष नहीं होते वही वीतराग देव कहें जाते हैं।{{sfn|जलज|२००६|प=८}}
|