"मध्यकालीन केरल": अवतरणों में अंतर

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== चोल शासन ==
इस काल में चोल राज्य के साथ कुलशेखर साम्राज्य का युद्ध हुआ। यही युद्ध कुलशेखर साम्राज्य के पतन का कारण बना। केरल अनेक रियासतों में बंट गया। इन रियासतों के नाम हैं - वेणाट, एलयिटत्तु स्वरूपम्, आट्टिन्गल, देशिंगनाडु (कोल्लम), करुनागप्पल्लि, कार्तिकपल्लि, कायमकुलम (ओटनाडु), परक्काट (चेम्पकश्शेरि), पन्तलम, तेक्कुमकूर, वटक्कुमकूर, पूञ्ञारपूंञार, कराप्पुरम (चेर्त्तला), एरणाकुलम प्रदेश (जो कैमलों के अधीन था), इटप्पल्लि, कोच्चि, परवूर, कोडुन्गल्लूर, अयिरूर, तलप्पिल्लि, वळ्ळुवनाड, पालक्काड, कोल्लन्कोड, कवलप्पारा, वेट्टत्तुनाड, परप्पनाड, कुरुम्पुरनाट (कुरुम्परानाट), कोष़िक्कोड, कटत्तनाड, कोलत्तुनाड (वडक्कन कोट्टयम), कुरुन्गोड, रण्डुतरा, आलि राजा का कण्णूर, नीलेश्वरम, कुम्बला आदि। इनमें से सर्वाधिक शक्तिशाली रियासतें थीं - वेणाड, कोच्चि, कोषिक्कोड और कोलत्तुनाड। शासन का अधिकार भी उपर्युक्त चारों रियासतों को ही प्राप्त था। शेष रियासतों के शासक या तो उनके आश्रित थे या छोटे सामंती थे जो माटम्बी कहलाते थे। वे क्षत्रिय, ब्राह्मण और नायर जाति के थे। उन्हीं में से एक था कण्णूर का अरक्कल राजवंश जो इस्लाम धर्म को मानता था।
 
== ब्रिटिश युग ==