"वैमानिक शास्त्र": अवतरणों में अंतर

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; अध्याय १
# मंगलाचरणम्
# मङ्गलाचरणम्
# विमानशब्दार्थाधिकरणम्
# यन्तृत्वाधिकरणम्
# मार्गाधिकरणम्
# आवर्ताकरणम्
# अंकाकरणम्
# अङ्काकरणम्
# वस्त्राकरणम्
# आहाराकरणम्
पंक्ति 78:
# मोहनाधिकरणम्
# विकाराधिकरणम्
# दिंनिदर्शनाधिकरणम्
# दिङ्निदर्शनाधिकरणम्
# अदृष्याधिकरणम्
# तिर्यंचाधिकरणम्
# तिर्यञ्चाधिकरणम्
# भारवहनाधिकरणम्
# घण्टारवाधिकरणम्
पंक्ति 108:
# माण्डलिकाधिकरणम्
# आन्दोलिकाधिकरणम्
# ध्वजांगाधिकरणम्
# ध्वजाङ्गाधिकरणम्
# वृन्दावनाधिकरणम्
# वैरिंचिकाधिकरणम्
# वैरिञ्चिकाधिकरणम्
# जलदाधिकरणम्
 
; अध्याय ८
# दिंनिर्णयाधिकरणम्
# दिङ्निर्णयाधिकरणम्
# ध्वजाधिकरणम्
# कालाधिकरणम्
# विस्तृतक्रियाधिकरणम्
# अंगोपसहाराधिकरणम्
# अङ्गोपसहाराधिकरणम्
# तमप्रसारणाधिकरणम्
# प्राणकुण्डल्यधिकरणम्
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इस ग्रन्थ में विमानचालक (पाइलॉट) के लिये ३२ रहस्यों (systems) की जानकारी आवश्यक बतायी गयी है। इन रहस्यों को जान लेने के बाद ही पाइलॉट विमान चलाने का अधिकारी हो सकता है। ये रहस्य निम्नलिखित हैं-
 
: ''मांत्रिक, तान्त्रिक, कृतक, अन्तराल, गूढ, दृश्य, अदृश्य, परोक्ष, संकोच, विस्तृति, विरूप परण, रूपान्तर, सुरूप, ज्योतिर्भाव, तमोनय, प्रलय, विमुख, तारा, महाशब्द विमोहन, लाङ्घनलांघन, सर्पगमन, चपल, सर्वतोमुख, परशब्दग्राहक, रूपाकर्षण, क्रियाग्रहण, दिक्प्रदर्शन, आकाशाकार, जलद रूप, स्तब्धक, कर्षण। ''
 
== इन्हें भी देखें ==
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* [[गार्ग्यायण]] का [[प्रणववाद]]
* [[शिवकर बापूजी तलपदे|शिवकर बापूजी तलपड़े]]
* [[समराङ्गणसूत्रधारसमरांगणसूत्रधार]] - [[राजा भोज]] द्वारा रचित ग्रन्थ जिसके 'यन्त्रविधान' नामक ३१वें अध्याय में विमानविद्या से सम्बन्धित कुछ श्लोक भी हैं।
* [[वैमानिक अभियान्त्रिकी]]
* [[वैमानिक और अन्तरिक्षीय अभियान्त्रिकी]]