"हर्यक वंश": अवतरणों में अंतर

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'''हर्यकहर्यकहर्यक वंश''' <ref>[http://www.samanyagyan.com/general-knowledge/haryak-empire-rulers-names-and-history-in-hindi.php हर्यकवंश के शासक]</ref>
की स्थापना ५४४ ई. पू. में [[बिम्बिसार]] के द्वारा की गई। इसके साथ ही राजनीतिक शक्‍ति के रूप में [[मगध]] का सर्वप्रथम उदय हुआ। बिम्बिसार को मगध साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। बिम्बिसार ने गिरिव्रज (राजगीर) को अपनी राजधानी बनायी। इसने वैवाहिक सम्बन्धों ([[कौशल]], [[वैशाली]] एवं [[पंजाब]]) की नीति अपनाकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया।किया।किया।
 
==विस्तार==
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==नागदशक एंव शिशुनाग==
[[बौद्ध]] ग्रन्थों के अनुसार उदयन के तीन पुत्र अनिरुद्ध, मंडक और नागदशक थे। उदयनउद के तीनोंके पुत्रोंपुत्रो ने राज्य किया। अन्तिम राजा नागदशक था। जो अत्यन्त विलासी और निर्बल था। शासनतन्त्र में शिथिलता के कारण व्यापक असन्तोष जनता में फैला। राज्य विद्रोह कर उनका सेनापति शिशुनाग राजा बना। इस प्रकार हर्यक वंश का अन्त और शिशुनाग वंश की स्थापना ४१२ ई.पू. में हुई।
 
==सन्दर्भ==