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== व्यक्तिगत जीवन ==
 
दारा सिंह रन्धावा का जन्म 19 नवम्बर 1928 को [[अमृतसर]] (पंजाब) के गाँव धरमूचक में श्रीमती बलवन्त कौर और श्री सूरत सिंह रन्धावा के यहाँ हुआ था। कम आयु में ही घर वालों ने उनकी मर्जी के बिना उनसे आयु में बहुत बड़ी लड़की से शादी कर दी। माँ ने इस उद्देश्य से कि पट्ठा जल्दी जवान हो जाये उसे सौ बादाम की गिरियों को खाँड और मक्खन में कूटकर खिलाना व ऊपर से भैंस का दूध पिलाना शुरू कर दिया। नतीजा यह हुआ कि सत्रह साल की नाबालिग उम्र में ही दारा सिंह [[प्रद्युम्न रंधावा]] नामक बेटे के बाप बन गये।<ref>मेरी आत्मकथा पृष्ठ 47</ref> नामक बेटे के बाप बन गये। दारा सिंह का एक छोटा भाई सरदारा सिंह भी था जिसे लोग [[रंधावा (पहलवान)|रंधावा]] के नाम से ही जानते थे। दारा सिंह और [[रंधावा (पहलवान)|रंधावा]] - दोनों ने मिलकर पहलवानी करनी शुरू कर दी और धीरे-धीरे गाँव के दंगलों से लेकर शहरों तक में ताबड़तोड़ कुश्तियाँ जीतकर अपने गाँव का नाम रोशन किया।
 
== अखाड़े का विजय रथ ==