"धर्म के लक्षण": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: आंशिक वर्तनी सुधार।
Changing the right word.. the first one should be up-kar (the one which doesn't do) and the second one is right. Previously both were same.
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: '''धीर्विद्या सत्‍यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम्‌।।''' (मनुस्‍मृति ६.९२)
 
अर्थ – धृति (धैर्य ), क्षमा (अपना उपकारअपकार करने वाले का भी उपकार करना ), दम (हमेशा संयम से धर्मं में लगे रहना ), अस्तेय (चोरी न करना ), शौच ( भीतर और बाहर की पवित्रता ), इन्द्रिय निग्रह (इन्द्रियों को हमेशा धर्माचरण में लगाना ), धी ( सत्कर्मो से बुद्धि को बढ़ाना ), विद्या (यथार्थ ज्ञान लेना ). सत्यम ( हमेशा सत्य का आचरण करना ) और अक्रोध ( क्रोध को छोड़कर हमेशा शांत रहना )।
 
== याज्ञवल्क्य ==