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श्रीमान ध्यान दें मानव प्रकृति से उत्पन्न एक अनूठी कृति है जो ईश्वर ने बनाई ईश्वर ने हमें समस्त प्राणियों में उत्तम बनाया क्योंकि हमारे शिखर पर मस्तिष्क है जो पशुओं में नहीं पाया जाता पशु पक्षी और सरीसृप का अग्रिम भाग मुख्य होता है वह विवेक समझ और ज्ञान इंद्रियों का प्रयोग नहीं करते उनका जीवन भारभोजन और प्रजनन के इर्द गिर्द घूमता रहता है पर हम मनुष्य सोच समझ विचार व पूर्व तैयारी से कार्य करने की समझ रखते हैं इसलिए समस्त संसार की संरक्षण मार्गदर्शन की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ हम मनुष्यों की ही बनती है परंतु मनुष्य में भी उग्र स्वभाव वाद जातिवाद उत्पन्न होने से संसार में विध्वंस मचा है इस विध्वंस में सबसे अधिक अगर किसी का नुकसान हो रहा है तो वह हमारा जेबजैव संतुलन को ,जो अत्यधिक जनसंख्या बढ़ने युद्ध वह आधुनिक जीवन से उत्पन्न ऊर्जा प्रदूषण इत्यादि की भेंट चढ़ता चला जा रहा है प्रकृति में सबके लिए सब कुछ है परंतु लाल जीलालची के लिए कुछ भी नहीं हम मनुष्यों को यह सोचना होगा कि हम समस्त संसार को कैसे बचाएं विशेषकर उन रहीनिरही जीव-जंतुओं को जिनकी तरफ हम मनुष्यों का ध्यान बहुत कम जाता है परंतु उन्हें वन जीवो द्वारा ही हम मनुष्य ने आदिकाल से विकास के युग की ओर कदम रखा अगर हम मनुष्यों के पास शुरू में मांस भक्षण और खेती में पशुओं पर आश्रित ना होते तो क्या हमारा विकास हो पाता आदि कालआदिकाल में ही घोड़े बैल और ऑटोऊंटों से हमने यातायात साधनों को शुरू किया जिससे हमारा विकास हो पाया जब मनुष्य अन्यअन्न नहीं उठ जाताउठाता था तो वह मांसाहारी था फिर धीरे धीरे बैलओ की मदद से हम मनुष्य ने खेती प्रारंभ की आज आवश्यकता है श्रीमान अब आप सकता है वन्यजीवों और प्रकृति का कर्ज चुकाने की जड़ संतुलन बिगड़ रहा है प्रदूषण से धरती का तापमान बढ़ रहा है जो वन्यजीवों के विनाश के साथ साथ सुंदर प्राकृतिक दृश्यों को भी खत्म करता जा रहा है साथ ही हम मनुष्यों का अस्तित्व खतरे में आ गया है अगर समय रहते इस दिशा में कुछ नहीं किया गया तो हम अपने बच्चों को बताएंगे क्या काश कभी नीला होता था मैं यह तो नहीं कहता कि मैं बहुत कुछ कर सकता हूं परंतु मैं यह कहता हूं कि मैं वह कर सकता हूं मैं वह कर सकता हूं जिसे करने की ईश्वर ने मुझे ताकत दीदी। आइए हम लोग सहयोग करें एक ऐसे संसार के निर्माण में जिसमें मानवता फले-फूले साथ ही दयावान मन हो, जीव संरक्षण ,वन्यजीव संरक्षण और प्राकृतिक संरक्षण की बात हो मैं अली हसनैन आब्दी फ़ैज़ इस काम में हमेशा तत्पर रहता हूं और आप समस्त लोगों से सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा रखता हूं धन्यवाद