"बागेश्वर जिला": अवतरणों में अंतर

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बागेश्वर को १९७४ में अलग तहसील बनाया गया, और १९७६ में इसे परगना घोषित कर दिया गया था। परगना दानपुर के ४७३, खरही के ६६, कमस्यार के १६६, और पुँगराऊ के ८७ गाँवों का समेकन केन्द्र होने के कारण शीघ्र ही यह प्रमुख प्रशासनिक केन्द्र बन गया। १९८५ से ही इसे जिला घोषित करने की मांग अलग-अलग पार्टियों और क्षेत्रीय लोगों द्वारा उठाई जाने लगी, और फिर, १५ सितंबर १९९७ को [[उत्तर प्रदेश]] की [[उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री|तत्कालीन मुख्यमंत्री]] [[मायावती]] ने बागेश्वर को उत्तर प्रदेश का नया जिला घोषित कर दिया।<ref>{{cite news|title=बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं, जन्मदिन मुबारक बागेश्वर|url=http://www.amarujala.com/uttarakhand/bageshwar/happy-future-wishes-happy-birthday-bageshwar|accessdate=27 सितम्बर 2017|date=१४ सितम्बर २०१७|publisher=[[अमर उजाला]]|location=[[बागेश्वर]]}}</ref>
 
== जनसांख्यिकी ==
२०११ की जनगणना के अनुसार बागेश्वर जिले की जनसंख्या २,५९,८४० है, जो लगभग [[वानूआतू]] देश के बराबर है। जनसंख्या के मामले में [[भारत के जिले|भारत के जिलों]] में इसका स्थान ५७८वां है (कुल ६४० में से)। जिले में [[जनसंख्या घनत्व]] ११६ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। २००१-२०११ के दशक में इसकी जनसंख्या वृद्धि दर ५.१३% थी। बागेश्वर की [[साक्षरता दर]] ८०.६९% है और [[लिंग अनुपात]] १०९३ महिलायें प्रति १००० पुरुष है।
 
==सन्दर्भ==