"बागेश्वर जिला": अवतरणों में अंतर

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जिले के प्रशासनिक मुख्यालय [[बागेश्वर]] नगर में हैं। प्रशासनिक कार्यों के लिए जिले को सात तहसीलों में विभाजित किया गया है: बागेश्वर, कपकोट, गरुड़, कांडा, दुगनाकुरी, शामा तथा काफलीगैर। इसके अतिरिक्त जिले को आगे ३ सामुदायिक विकास खण्डों और ३९७ ग्राम पंचायतों में भी बांटा गया है। जिले में कुल ९४७ गांव और २ नगर हैं। बागेश्वर तहसील का गठन १९७४ में हुआ था। १२ सितम्बर १९९७ को बागेश्वर तहसील से २४७ ग्रामों के साथ कपकोट तहसील का गठन किया गया। इसके बाद फरवरी २००४ में बागेश्वर तहसील के १९७ ग्रामों से गरुड़ तहसील, तथा बागेश्वर के १४७, और कपकोट के ३३ ग्रामों से कांडा तहसील का गठन किया गया। शामा तहसील का गठन २३ अक्टूबर २०१३ को,<ref>{{cite news|title=शामा तहसील के नाम पर ‘धोखा’|url=https://www.amarujala.com/uttarakhand/bageshwar/Bageshwar-90009-114|accessdate=१३ फरवरी २०१८|date=२० अक्टूबर २०१४|publisher=[[अमर उजाला]]|location=[[बागेश्वर]]}}</ref> और दुगनाकुरी<ref>{{cite news|title=मजाक बनकर रह गई है दुग नाकुरी तहसील|url=https://www.amarujala.com/uttarakhand/bageshwar/dug-naakuri-tehsil-has-remained-a-joke|accessdate=१३ फरवरी २०१८|date=९ अगस्त २०१७|publisher=[[अमर उजाला]]|location=[[बागेश्वर]]}}</ref> तथा काफलीगैर तहसीलों का गठन २०१४ में हुआ।
 
सम्पूर्ण जिला [[अल्मोड़ा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र|अल्मोड़ा लोक सभा क्षेत्र]] का हिस्सा है, तथा इसमें उत्तराखंडदो [[उत्तराखण्ड के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की सूची|उत्तराखण्ड विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र]] हैं: [[बागेश्वर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड|बागेश्वर]] तथा कपकोट।[[कपकोट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तराखण्ड|कपकोट]]। राज्य गठन के समय कांडा विधान सभा क्षेत्र भी था, परन्तु २००९ में हुए परिसीमन के बाद उसका विलय कपकोट में ही कर दिया गया।<ref>{{cite news|title=परिसीमन से धूमिल हुई उम्मीदें|url=https://www.jagran.com/uttarakhand/bageshwar-15362004.html|accessdate=१३ फरवरी २०१८|date=१२ जनवरी २०१७|publisher=[[दैनिक जागरण]]|location=[[बागेश्वर]]}}</ref>
 
==सन्दर्भ==