"अंशधारी": अवतरणों में अंतर

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'''भागीदार''' या '''अंशधारी''' (shareholder या stockholder) उस व्यक्ति या संस्था को कहते हैं जिसके पास किसी सार्वजनिक या निजी कम्पनी के एक या अधिक [[शेयर|शेयरों]] का स्वामित्व हो।
 
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निम्नलिखित प्रकारों में किसी भी एक प्रकार से एक व्यक्ति सदस्य बन सकता है।
*प्रथमत: प्रमंडल अधिनियम 1956 की धारा 41 में व्यवस्था दी गई है कि पार्षद सीमा नियम (memorandum of association) के अभिदाता (subscribers) प्रमंडल के सदस्य बनने को सहमत माने जाएँगे और उनके पंजीकरण (Registration) के बाद उन्हें सदस्यों की पंजिका (Register) में सदस्यों के रूप में लिखा जायगा।
 
*दूसरे, कोई भी प्रमंडल के अंश क्रय करने को सहमत होकर सदस्य बन सकता है, जैसे आबंटन (Allotement) द्वारा या खुले बाजार में प्रमंडल के अंश क्रय कर या संप्रेक्षण से, जैसे, एक मृत या नष्टनिधि (Bankrupt) सदस्य के अंशों के दायाधिकार (succession) द्वारा। इन सभी स्थितियों में जब तक उसका नाम सदस्यों की पंजिका में नहीं होता वह सदस्य नहीं माना जाता। अगर उसका नाम सदस्यपंजिका में है तो भले ही वह सदस्य न रहा हो, उसमें होने के नाते वह सदस्य माना जाएगा।
 
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अपने अंशों को हस्तांतरित कर (transfer) या मृत्यु हो जाने पर अपहार (forfeiture) या समर्पण (surrender) अथवा प्रमंडल का कार्य समाप्त कर दिए जाने पर और नहीं तो पार्षद अंतर्नियमों की व्यवस्थाओं के अनुरूप एक व्यक्ति अपनी सदस्यता से वंचित हो सकता है।
 
सदस्यों का दायित्व प्रमंडल के स्वरूप पर निर्भर है। अगर प्रमंडल अपरिमित दायित्व (unlimited liabilities) वाला है तो प्रत्येक सदस्य का पूर्ण दायित्व उसकी सदस्यता के काल में प्रमंडल द्वारा अनुबंधित (contracted) सभी ऋणों का भुगतान हो जाता है। अगर प्रमंडल प्रत्याभूति द्वारा परिमित दायित्वपूर्ण है तो प्रमंडल के भंग होने पर (winding up) प्रत्येक सदस्य को पार्षद सीमा नियम की दायित्व उपधारा (liability clause) के अंतर्गत निर्दिष्ट (specified) धनराशि का अनिवार्य रूप से भुगतान करना होगा। अगर प्रमंडल अंश परिमित (limited by shares) है तो प्रत्येक सदस्य को अनिवार्यत: अपने अंशों का अधिहित मूल्य चुकाना होगा और अगर उसके अंशों का पूर्ण भुगतान हो गया है तो उसका कोई दायित्व नहीं रहता। एक भूतपूर्व सदस्य का भी आंशिक देय दायित्व तब हो जाता है जब उसके अंशों के हस्तांतरण के एक वर्ष के अंदर प्रमंडल भंग हो जाता है और तब भी, जब कि वर्तमान सदस्य पूर्णरूप से भुगतान कर पाने मेंमे असमर्थ होते हैं; तो भी उसका दायित्व उन ऋणों के भुगतान का है जो उसके सदस्यता से मुक्त होने से पूर्व लिए गए थे।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==